Edited By Vikash thakur,Updated: 07 Nov, 2020 11:29 PM
वर्षों से परियोजनाओं की डिलीवरी में देरी
चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) गुरुग्राम ने प्रोमोटर्स और आबंटियों के बीच विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए एक संपूर्ण मध्यस्थता फोरम की स्थापना की है। हरेरा का मानना है कि पंचनिर्णय, मध्यस्थता और सुलह जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान (ऑल्टरनेट डिस्पयूट रेजोल्यूशन) मैकेनिज्म मुकद्दमेबाजी से कहीं अधिक निजी, किफायती और समय की बचत करने वाले हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) गुरुग्राम के सामने रियल एस्टेट डिवैल्पर्स और सेवा प्रदाताओं के साथ डीङ्क्षलग में घर खरीददारों के असंतोष के असंख्य मामले आए हैं। उन्होंने बताया कि वर्षों से परियोजनाओं की डिलीवरी में देरी, निर्माण के दौरान लागत में वृद्धि, बिल्डर-खरीददार के असमान समझौते और एक प्रभावी प्रवर्तन तंत्र के अभाव ने घर खरीददारों की पीड़ा को बढ़ा दिया है और इसके परिणाम स्वरूप रैगुलेटर के समक्ष बड़ी संख्या में शिकायतें आ रही हैं।
इसके अलावा इससे न केवल हरेरा अधिकारियों पर, बल्कि हमारे सिविल न्यायालयों पर भी दबाव बढ़ गया है, जो पहले से ही बड़ी संख्या में लंबित मामलों के संकट से जूझ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हरेरा, गुरुग्राम का मध्यस्थता फोरम पाॢटयों को प्राधिकरण की औपचारिक कार्रवाई से बाहर समझौता करने का विकल्प प्रदान करेगा। प्राधिकरण ने मध्यस्थों का एक पैनल गठित किया है, जो रियल एस्टेट परियोजनाओं से जुड़े विवादों में मध्यस्थता करने के लिए अपेक्षित कौशल से युक्त हैं।
हरेरा, गुरुग्राम द्वारा स्थापित मध्यस्थता मंच के दायरे में दो प्रकार के मामले आएंगेे, पहली बार औपचारिक शिकायत दायर करने से पहले के चरण में मध्यस्थता के लिए किया गया आवेदन, जो हरेरा गुरुग्राम की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डा. दीपा मलिक द्वारा व्यक्तिगत आधार पर शिकायत निवारण हेतु लिया जाएगा। दूसरा प्राधिकरण द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा हरेरा गुरुग्राम के एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर (ए.ओ.) एस.सी. गोयल (सेवानिवृत्त) को सी.पी.सी. की धारा 89 के प्रावधानों के संदर्भ में दी गई शिकायतों या मामलों के रूप में।