आंदोलनरत किसानों के साथ टकराव के हालात पैदा ना करे सरकार : हुड्डा

Edited By Vikash thakur,Updated: 11 Jan, 2021 07:46 PM

the wrong policies of bjp not congress are responsible for the movement

किसान आंदोलन के लिए कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं

चंडीगढ़, (बंसल): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर जानबूझकर किसानों के साथ टकराव के हालात पैदा करने के आरोप लगाए हैं। करनाल के कैमला गांव में मुख्यमंत्री की किसान महापंचायत को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कई सवाल उठाए। हुड्डा ने अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब केंद्र और किसानों के बीच बातचीत चल रही है तो इस बीच मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसे आयोजनों का क्या औचित्य है? जब खुद इलाके के किसान मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे तो उन्होंने ये आयोजन करने की जिद क्यों की? हुड्डा ने कहा कि सरकार चाहती तो विरोध को देखते हुए वक्त रहते ही इस आयोजन को रद्द करके तनावपूर्ण स्थिति पैदा होने से रोक सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। 

 


सरकार उकसावे वाले कदम उठाकर प्रदेश को अराजकता की तरफ न धकेले। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद से ही कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। ऐसे में आंदोलन के दौरान सरकार को संयम रखना चाहिए और कोई भी उकसावे वाली कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री को कैमला जैसे आयोजन करने की बजाए केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए और तीनों कृषि कानून वापिस लेने के लिए मनाना चाहिए। मुख्यमंत्री जनता के प्रतिनिधि हैं और उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए किसानों का साथ देना चाहिए। 


 मुख्यमंत्री द्वारा आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ बताने वाले सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि ये पूर्ण रूप से किसानों का आंदोलन है। किसानों की मांगे पूरी तरह जायज हैं, इसलिए हम किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। हुड्डा ने कहा कि इस आंदोलन के लिए कांग्रेस नहीं, बल्कि भाजपा की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। 


’इस्तीफा देने की बजाय अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के खिलाफ वोट करें अभय चौटाला’
अभय चौटाला द्वारा इस्तीफा देने की पेशकश पर हुड्डा ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में कांग्रेस गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। अगर अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के खिलाफ वोट करने की बजाय अभय चौटाला विधायक पद से इस्तीफ़ा देते हैं तो विपक्ष की एक सीट कम हो जाएगी और ये अप्रत्यक्ष तौर पर सरकार की मदद होगी। तीन कानूनों का विरोध करने वाले विधायकों को इस्तीफा देने की बजाए एकजुट होकर सदन में सरकार के खिलाफ वोट करना चाहिए। इससे जनता को भी पता चल जाएगा कि कौन किसानों के साथ है और कौन सरकार के साथ है।

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