Edited By ,Updated: 08 Dec, 2015 03:10 PM
हार्टबर्न की समस्या बहुत आम है। हार्टबर्न से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपना स्वास्थ्य ठीक रखें। फैटी फूड, शराब, चॉकलेट, लहसुन, प्याज, कैफीन और मीट का परहेज रखें।
तला-भुना खाने से कई समस्याएं आती हैं, जिसमें से हार्ट बर्न की समस्या काफी आम है। हार्ट बन होने पर सीने के निचले भाग में जलन महसूस होती है। पेट और सीने में दर्द, सूजन, गैस्ट्रिक समस्या, गले में खट्टा स्वाद और मतली आने लगती है।हार्ट बर्न का कारण आमतौर पर अनुचित खानपान होता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप फैटी फूड, शराब, चॉकलेट, लहसुन, प्याज, कैफीन और मीट का परहेज रखें। साथ ही देर रात को खाना न खाएं और अगर खाना भी पड़े तो हैवी डिनर न करें।
चाय, कॉफी से करें परहेज : चाय, कॉफ़ी, कोला आदि कैफीन वाले पेय पदार्थ हार्टबर्न का कारण बनते हैं। हालांकि कॉफ़ी और कैफीन से गैस्टिक पीएच में परिवर्तन होता है इसका कोई प्रमाण नहीं है लेकिन एसिडिटी के पेशेंट्स को कैफीन वाले पेय ज्यादा नहीं लेने की सलाह दी जाती है क्यों कि कुछ व्यक्तियों में इसका प्रभाव हो सकता है कुछ में नहीं। अगर आपको एसिडिटी की शिकायत होती है तो इससे परहेज करें।
एल्कोहल की मात्रा कम लें : कई स्टडीज से पता चला है कि एल्कोहल और एसिडिटी में सीधा सम्बन्ध है। एल्कोहल गैस्टिक म्यूकोज को सीधा प्रभावित करता है। यह भोजन नलिका में एसिड आने का कारण भी बनता है।
स्मोकिंग छोड़ें : एसिडिटी से पीड़ित लोगों के लिए सिगरेट पीना जहर के समान है। सिगरेट में निकोटिन होता है, जो कि पेट की परत को प्रभावित करता है। यह भी भोजन नलिका में एसिड आने का कारण बनता है।
खाना खाते ही न सोएं : अक्सर जब आप रात को देर से खाना खाते हैं तो आप थके हुए होते हैं और 1 घंटे के भीतर ही आप सो जाते हैं। इस आदत को बदलना चाहिए। जब आप सोते हैं तो आपके शरीर की सारी क्रियाएँ धीरे हो जाती हैं। जिससे एसिडिटी जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। इसलिए सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाएं।
मीट न खाए : अगर आप मांसाहारी हैं तो आपको हार्टबर्न की समस्या कभी भी हो सकती है। बीफ और चिकन खाने से यह समस्या बहुत जल्दी हो सकती है। आपको फिश खानी चाहिए। इससे हार्टबर्न की समस्या ठीक होती है।
जल्दी जल्दी न खाएं : जो लोग खाना खाने में 30 मिनट लेते हैं उनमें एसिड रिफ्लक्स 8.5 बार होता है, बल्कि जो लोग 5 मिनट में ही खाना खाते हैं उनमें यह 12.5 बार होता है। ओवरईटिंग करने से पेट में खाने की मात्रा ज्यादा एकत्रित हो जाती है जो कि ज्यादा एसिड पैदा होने का कारण बनता है।
अपने खाने के तरीके को बदलें : जिन लोगों के दो बार खाने के बीच ज्यादा अंतराल होता है उन्हें ओवरईटिंग की आदत होती है। ओवरईटिंग से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है जिसे ज्यादा एसिड बनता है। इसके बजाय आप थोड़े थोड़े अंतराल से तीन या या चार बार खाना खाएं।