Edited By ,Updated: 23 Oct, 2015 02:16 PM
बढ़ते वजन से परेशान होकर लोग वेट लॉस करने के लिए कई तरह के प्रयास करते हैं। इसके लिए लोग एक्सरसाइज से लेकर खुद को भूखा मारने तक से परहेज नहीं करते
बढ़ते वजन से परेशान होकर लोग वेट लॉस करने के लिए कई तरह के प्रयास करते हैं। इसके लिए लोग एक्सरसाइज से लेकर खुद को भूखा मारने तक से परहेज नहीं करते लेकिन इसका नतीजा वेट लॉस न होकर कुछ और ही निकलता है। दरअसल जानकारी और तथ्यों के अभाव में लोग सुनी सुनाई बातों पर अमल करते हैं और वज़न कम करने के अपने टार्गेट को अचीव नहीं कर पाते हैं। वेट लॉस से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथ्स और उनसे जुड़ी सच्चाईयों के बारे में आपको बता रहे हैं।
1. मिथकः भूखे रहना वजन कम करने का अच्छा तरीका
सच्चाईः दिन में एक बार खाने से हमारी बॉडी स्टारवेशन मोड (भुखमरी) में चली जाती है। ऐसे में जब हम कुछ खाते हैं तो वो तुरंत बॉडी फैट में तब्दील होकर चर्बी के रूप में स्टोर हो जाता है। यह भोजन हमारे मेटाबोलिज्म को भी धीमा कर देता है और हमारा वजन कम होने की बजाय बढ़ जाता है। हमें दिन में कम-से-कम 5 मील्स (तीन फुल मील्स और दो स्नैक्स) जरूर खाने चाहिए। स्टडी बताती हैं कि जो लोग ब्रेकफास्ट नहीं करते या कम बार खाते हैं, वे उन लोगों से ज्यादा मोटे होते हैं, जो कई बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाते हैं।
2. मिथकः केवल फल खाने से कम होगा वजन
सच्चाईः दिन भर सिर्फ फल खाने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे देखने में वजन कम लगता है। अगर आप सिर्फ फल ही खा रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेड की अधिकता हो रही है। एक स्तर के बाद यह कार्बोहाइड्रेड भी शरीर में जमा होने लगेगा और आपका वजन बढ़ेगा। इसके अलावा कुछ फल जैसे सेब में फ्रुकटोज (शुगर) ज्यादा होता है, इन्हें ज्यादा खाने से आपका वजन घटने की बजाय बढ़ जाएगा।
3. मिथकः कम कैलोरी वाला भोजन कितना भी खा सकते हैं।
सच्चाईः कम कैलोरी के भोजन में भी कैलोरी तो होती ही है और इसकी अधिक मात्रा लेने से आपका कैलोरी इनटेक ज्यादा हो जाएगा और वज़न पर आप कंट्रोल नहीं रख पाएंगी। दरअसल, कैलोरी को बर्न करना भी जरूरी होता है, चाहे हम जो भी खाएं।
4. मिथकः हाई प्रोटीन, लो कार्बोहाइड्रेट डाइट लेना हेल्दी
सच्चाईः वजन घटाने के लिए कई बार लोग हाई प्रोटीन और लो कार्ब डाइट लेने लगते हैं, जबकि हमें हमेशा बैलेंस्ड डाइट लेनी चाहिए, जिसमें कार्ब, प्रोटीन, फैट, मिनरल्स आदि सही मात्रा में हों। इस तरह की डाइट से फैट लॉस के बजाय मसल लॉस होता है, जिससे फौरी तौर पर वजन कम होता है, जो बाद में वापस आ जाता है। विभिन्न फूड्स से अलग-अलग तरह के हैल्थ बैनेफिट्स मिलते हैं, इसलिए डाइट में सभी हैल्दी फूड्स को शामिल करना जरूरी है।
5. मिथक: ग्रीन टी कैलोरी और फैट को बर्न करता है।
सच्चाई: वेट लूज़ करने में ग्रीन टी सहायक तो है, लेकिन एक हद तक। यह तब तक फायदेमंद है जब तक कि आप दिन में तीन कप से अधिक और खाली पेट इसे नहीं पीते। ग्रीन टी में ज्यादा मात्रा में कैफीन नहीं होता लेकिन जब आप इसे तीन कप से अधिक पीने लगते हैं तो इसमें मिली कैफीन की छोटी सी मात्रा आपके शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसकी अति से अनिद्रा, चिंता, चिड़चिड़ापन और शरीर में आयरन की कमी हो जाती है।
6. मिथकः मिल्क और मिल्क प्रॉडक्ट से बचना चाहिए
सच्चाईः वजन कम करने के लिए डेयरी प्रॉडक्ट्स छोड़ देने की धारणा गलत है। कुछ लोग सोचते हैं कि मलाईयुक्त दूध में पानी मिलाने से फैट कम हो सकता है, लेकिन यह भी गलत है। याद रखें पानी मिला देने से अन्य पोषक तत्व भी घुल जाते हैं। लिहाजा सबसे अच्छा तरीका यही है कि दूध से मलाई निकाल लें और फुल क्रीम की बजाय स्किम्ड या फैट फ्री दूध पिएं। स्किम्ड मिल्क में अन्य पोषक तत्व बने रहते हैं।
7. मिथकः पानी पीने से वज़न कम करने में मदद मिलती है
सच्चाईः पानी से वेट लूज़ नहीं होता लेकिन इससे आप हाइड्रेटिड रहते हैं और कम खाते हैं। अच्छी हैल्थ के लिए पानी बेहद जरूरी है। कई बार प्यास लगी होती है और हम भूख समझ लेते हैं और स्नैक ज्यादा खा लेते हैं। पानी पीने से भोजन का इनटेक कम हो जाता है। रोज़ाना करीब 1.2 लीटर तरल की हमें जरूरत होती है।
8. मिथकः कठोर एक्सरसाइज़ वेट लॉस का एकमात्र तरीका है
सच्चाईः कठोर एक्सरसाइज़ से ही वेट लूज़ हो, यह जरूरी नहीं है क्योंकि वेट लॉस के लिए रूटीन में रैगुलर फिज़िकल एक्टीविटी जरूरी है जिसका आप लंबे समय तक पालन कर सके। 19 से 64 साल के व्यस्कों को हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट फिजिकल एक्टिविटी में लगाने चाहिए। इस दौरान वे फास्ट वॉक या साइक्लिंग कर सकते हैं। वेट लूज़ करने के लिए जितनी कैलोरी आप कंज़्यूम करते हैं उससे ज्यादा बर्न करने की जरूरत होती है।
9. मिथकः नॉनवेज खाने से तेजी से घटेगा वजन
सच्चाईः नॉनवेज में खास पोषक तत्व नहीं होते और सेचुरेटेड फैट भी भारी मात्रा में होता है, इससे वज़न तेजी से बढ़ता है। एक सर्च के मुताबिक वेज खाने वाले नॉनवेज खाने वालों की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा वेट लॉस करते हैं। यही नहीं शाकाहारी लोगों के शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जबकि नॉनवेज के संबंध में ऐसा नहीं होता।
10. मिथकः वजन कम करने वाले प्रॉडक्ट्स असरदार
सच्चाईः वजन घटाने का कोई शार्ट कट नहीं है। वजन कम करने वाले प्रॉडक्ट्स जैसे कि बेल्ट, सोना बाथ, पिल्स आदि वजन कम करने में असरदार नहीं हैं। बाजार में मिलने वाली दवाइयों से वजन घटाना सेहत को मंहगा पड़ सकता है। अगर इनकी मदद से वजन कम होता भी है तो बाद में लौट आता है। ज्यादातर प्रोग्राम और प्रॉडक्ट फैट की बजाय मसल्स और वॉटर लॉस करते हैं।
11. मिथकः वेट मशीन दिखा रही है तो कम हो रहा है वजन
सच्चाईः बार-बार वजन मापने की मशीन पर चढ़कर वजन देखने से वजन की सही तस्वीर पता नहीं चलती। शरीर से पानी, मसल्स या फैट का लॉस होने से भी वजन कम नजर आ सकता है। वजन कम होने की असली पहचान फैट लॉस होना है, न कि वेट लॉस। इसके लिए बॉडी कंपोजिशन एनालिसिस कराना चाहिए।
12. मिथकः कुछ भोजन खाने से कैलोरी बर्न होती है
सच्चाईः इस बारे में परस्पर विरोधी जानकारी है कि कुछ फूड्स के सेवन से मैटाबॉलिक रेट बढ़ता है जिससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है। अगर कुछ फूड्स के सेवन से मैटाबॉलिक रेट बढ़ता भी है तो भी इसकी मात्रा इतनी कम होती है कि ये कोई चमत्कार नहीं कर सकते। इससे बेहतर है, वेट लिफ्टिंग जिससे मसल्स बनते हैं जिनसे आपकी कैलोरी तब भी बर्न होती रहती है जब आप आराम करते हैं। फाइबर का इनटेक बढ़ाना बढ़िया अॉप्शन है क्योंकि यह सिस्टम में ज्यादा समय तक रहता है और एकस्ट्रा पाउंड्स भी कम करता है।
-मीनाक्षी गांधी