Edited By ,Updated: 11 Aug, 2015 12:19 PM
लंदन मैराथन में 26 साल की किरन गांधी ने एक अनोखा प्रयोग किया। दरअसल, किरन ने पीरियड्स के दौरान बिना सैनिटरी पैड या टैंपॉन लगाए 26 मील (लगभग 42 किलोमीटर) की रेस पूरी की।
नई दिल्ली: लंदन मैराथन में 26 साल की किरन गांधी ने एक अनोखा प्रयोग किया। दरअसल, किरन ने पीरियड्स के दौरान बिना सैनिटरी पैड या टैंपॉन लगाए 26 मील (लगभग 42 किलोमीटर) की रेस पूरी की। उसके इस अनोखे प्रयोग के पीछे मकसद था कि दूसरी औरतें भी अपने पीरियड्स को लेकर होने वाली झिझक और शर्म से बाहर निकलकर उस पर गर्व महसूस करें। उन्होंने औरतों को प्रेरित किया कि वे महीने के उन दिनों में छिपने या उन पर शर्म करने की जगह उन्हें प्यार से अपनाएं।
रेस खत्म होने के बाद किरन ने पीरियड फ्लो से सने कपड़ों में ही अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशी और गर्व से कैमरे के सामने पोज दिए। किरन ने अपनी वेबसाइट पर ‘सिस्टरहुड, ब्लड ऐंड बूब्स’ शीर्षक के तहत इस पूरे वाकये का जिक्र करते हुए लिखा, मैंने पूरी मैराथन पीरियड ब्लड फ्लो के साथ पूरी की। मैं अपनी उन बहनों के लिए खून से सने पैरों का साथ दौड़ीं, जिनके पास टैंपॉन नहीं है, और जो दर्द के बावजूद पीरियड्स की बात छिपाकर रखती हैं और ऐसे दिखाती हैं कि जैसे कुछ हुआ ही न हो।
उसने लिखा कि अगर हमें उत्पीडऩ से आगे निकलना है तो इसका एक रास्ता है, वैसे दौड़ो, जैसे आप चाहते हो। जहां औरतों के पीरियड्स को लेकर किसी तरह के भेदभाव का कोई औचित्य नहीं है, और जहां हम नए नियम खुद लिख सकते हैं।