ईरान में पढ़ा जाएगा मोहम्मद अकरम उस्मानी का साहित्य

Edited By ,Updated: 31 May, 2016 06:06 PM

mohammad akram usmani literature will be read in iran

डीडवाना के फ़ारसी साहित्य के योगदान को ईरान में पढ़ा जाएगा। शहर में एक सादे समारोह में पत्रकार अख़लाक़ उस्मानी को महाकवि मुहम्मद अकरम उस्मानी फैज के साहित्य को सौंपा गया

डीडवानाः डीडवाना के फ़ारसी साहित्य के योगदान को ईरान में पढ़ा जाएगा। शहर में एक सादे समारोह में पत्रकार अख़लाक़ उस्मानी को महाकवि मुहम्मद अकरम उस्मानी फैज के साहित्य को सौंपा गया जिसे उस्मानी ईरान के सुप्रीम लीडर आयतल्लाह ख़ामनेई और राष्ट्पति हसन रूहानी को भेंट करेंगे। औऱ उनसे इन किताबो के आधार पर मोहम्मद अकरम फैज पर शोध करने की बात रखेंगे। आज यहां एक कार्यक्रम में उस्मानी परिवार के मुखिया रफीक अहमद उस्मानी ने मुहम्मद अकरम उस्मानी फ़ैज़ की 4 पुस्तकों को सौंपा जिसे लेकर पत्रकार अख़लाक़ उस्मानी तेहरान पहुंचेंगे। 

इस मौक़े पर वरिष्ठ पत्रकार अख़लाक़ उस्मानी ने कहाकि जितने प्रेम और उत्साह के साथ डीडवाना और उस्मानी परिवार ने मुझे ज़िम्मेदारी सौंपी है कि मुहम्मद अकरम उस्मानी फ़ैज़ के साहित्य को सामने लाया जाए, इसे पूरा करने की मैं कोशिश करूँगा। अख़लाक़ उस्मानी इन पुस्तकों का एक सेट ईरान के सुप्रीम लीडर आयतल्लाह ख़ामनेई और राष्ट्रपति हसन रूहानी को भेंट करेंगे और उन्हें भारत के पुरातन फ़ारसी और डीडवाना के योगदान पर ब्रीफ़ देंगे। यह डीड़वाना के लिए गौरव की बात है कि भारत के साहित्य का डंका ईरान में बजेगा और अभ तक गुमनाम रहे डीडवाना की एक नायाब प्रतिभा उनकी फारसी की रचनाओं पर शोध के बाद दुनिया के सामने आ पाऐगी। साथ ही भारत की कई युनिवर्सिटी मे भी कवि फैज की किताबे शोध के लिए भेजी जाएगी।

शहर के गणमान्य लोगों और उस्मानी परिवार की मौजूदगी में हुए कार्यक्रम के दौरान मुहम्मद अकरम उस्मानी फ़ैज़ के वंशज मशहूर कवि अतीक़ अहमद उस्मानी, शिक्षाविद् शकील अहमद उस्मानी, फ़ैज़ अहमद उस्मानी, अकीक अहमद उस्मानी, अनीक अहमद उस्मानी, रशीक अहमद उस्मानी, सलमान उस्मानी, शहर क़ाज़ी रेहान उस्मानी और नायब शहर क़ाज़ी सादिक़ उस्मानी , वरिष्ठ पत्रकार इस्तेखार उस्मानी मौजूद थे।

गणित को काव्य में ढाला- रफ़ीक
इस मौक़े पर मुख्य अतिथि के रूप में मंचस्थ शिक्षाविद रफ़ीक़ अहमद उस्मानी ने कहाकि मुहम्मद अकरम फ़ैज़ साहब ने  कई पुस्तके लिखी जिनमे से 22 पुस्तको. का प्रमाण मिला है और उनकी सबसे महत्वपूर्ण रचना संस्कृत की गणित पर पुस्तकें बीजगणित और लीलावती को उन्होंने फ़ारसी काव्य में अनुवादित करना रहा । हमें याद रखना चाहिए कि भारत ने फ़ारसी साहित्य को इतना नायाब हीरा दिया है।

मसनवी के बड़े शाइर- अतीक
कवि अतीक़ अहमद उस्मानी  बताया कि  मुहम्मद अकरम फ़ैज़ ने सिर्फ़ गज़ल ही नहीं बल्कि मसनवी यानी कल्पना के बड़े शाइर के रूप में अपना नाम स्थापित किया। उन्होंने कहाकि मुहम्मद अकरम उस्मानी फ़ैज़ सभी शैलियों के शाइर थे। ग़ज़ल के अलावा कल्पना के लेखक के रूप में फ़ैज़ माहिर थे इसलिए साहित्य में उन्हें मौलाना ए मसनवी कहा जाता था। मसनवी काव्य नॉवेल को कहा जाता है यानी इसमें कहानी के साथ डायलॉग भी होते हैं और काव्य भी चलता है। गद्य पद्य की हर विधा में फैज़ ने लिखा है।

महान देशप्रेमी थे अकरम फ़ैज़- शकील
कवि फैज के बारे मे किताबों मे दर्ज जानकारियों के मुताबिक  अहमद शाह अब्दाली के भारत पर हमले के दौरान डीडवाना पर हमला हुआ तो मातृभूमि की रक्षा के लिए मुहम्मद अकरम उस्मानी फ़ैज़ ने सेना बनाकर डीडवाना में अब्दाली की फौज़ों का मुक़ाबला किया। इसके बाद वह जोधपुर के राजकुमार बख़्त सिंह को डीडवाना की जि़म्मेदारी सौंपकर झिलाय जिला टोंक चले गए। इसी दौरान उन्होंने ज़माने और मात़ृभूमि की ख़राब स्थिति को लेकर  रोज़गारनामा पुस्तक लिखी।

संस्कृत की लीलावती का तर्जुमा एक करिश्मा- सलमान
फ़ैज़ के वंशज सलमान उस्मानी  और पत्रकार इस्तेखार उस्मानी के मुताबिक मूल संस्कृत में गणित की बेजोड़ पुस्तक लीलावती के लेखक आचार्य बहाशंकर हैं। इसका अनुवाद बादशाह अकबर के नवरतन में से दो भाई अबुल फ़ज़ल और फ़ैज़ी ने सन् 1556 में किया था लेकिन अबुल फ़ज़ल और फ़ैज़ी फा़रसी भाषा में गणित के कमज़ोर ग्यान के वजह से पूरा अनुवाद नहीं कर पाए। सन् 1758 में बादशाह शाह आलम के पिता अज़ीज़ुद्दीन आलमगीर सानी के आग्रह पर अबुल फ़ज़ल और फ़ैज़ी के छोड़े गए अध्यायों के अनुवाद को पूरा किया। जहाँ दोनों भाइयों ने 44 अध्याय का ही अनुवाद की वहीं मुहम्मद अकरम उस्मानी फ़ैज़ ने छोड़े गए 100 अध्यायों का अनुवाद किया।

दीवान-ए-फ़ैज़ काव्य की अनूठी मिसाल- फ़ैज
मुहम्मद अकरम के वंशज फैज़ उस्मानी ने बताया कि इस दीवान-ए-फ़ैज़ में मुहम्मद अकरम फ़ैज़ के संकलित शेरों को जमा किया गया है। राजा माधो सिंह और नवाब आसिफ़ जा के यश गीत में इसमें बयान किए गए हैं। इस काव्य की विशेषता यह है कि इसके शेर में दो काफ़िया (तुक) दिए गए हैं। यदि हर ग़ज़ल को बीच से वर्टिकल यानी ऊर्ध्वाधर काटा जाए तो दो शेर का निर्माण हो जाता है। पूरे फ़ारसी, उर्दू और अरबी काव्य में यह विधा कभी नहीं देखी गई।

फ़ारसी के महानतम शाइर हैं फ़ैज़- रेहान
शहर क़ाज़ी रेहान उस्मानी ने कहाकि मुहम्मद अकरम उस्मानी फ़ैज़ का काव्य फ़ारसी के महानतम् कवियों यानी सादी शिराजी, हाफ़िज़ शिराज़ी, उरफ़ी शिराज़ी, मिर्ज़ा बेदिल, मखफी रश्ती, नज़ीर निशापुरी, नासिर अली, अली हज़ीं, ग़नी कश्मीरी, ज़हीर फ़ारयाबी से भी श्रेष्ठ हैं।

ये रहे मौजूद 
इस मौक़े पर कार्यक्रम मे शिक्षाविद और साहित्यकार गजादान चारण, सलीम खान, अक़ीक़ उस्मानी, अनीक़ उस्मानी, रशीक़ उस्मानी, समाज सेवी डॉ सोहन चोधरी, सफेद खान, अंसार सिद्दीक़ी, विनोद सैन, कैलाश सोलंकी, मनव्वर उस्मानी,निसार सिद्दीकी,एस एम सईद, जीतेन्द्र सिंह मोहम्मद फारूख गौरी, मोहम्मद अय्यूब नानजी मोहम्मद अय्यूब रंगरेज, आरीफ बाबा, हफीज खान , पुखराज सिंह , दिनेश चौधरी, महावीर राखेचा, शंभू सिंह गौड़,भुवनेश शर्मा,  सहित शहर के  गणमान्य लोगों ने उन्हें ईरान य़ात्रा के लिए शुभकामनाएँ दीं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!