Edited By ,Updated: 02 Sep, 2016 01:03 PM
वैज्ञानिकों ने आज चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अकेले भारत में1.2 अरब की आबादी जीका के खतरे वाले इलाके में रह रही है । उन्होंने कहा है...
पेरिस: वैज्ञानिकों ने आज चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अकेले भारत में1.2 अरब की आबादी जीका के खतरे वाले इलाके में रह रही है । उन्होंने कहा है कि जीका अफ्रीका,एशिया और प्रशांत के क्षेत्रों में नए सिरे से अपने पैर जमा सकता है, जहां दुनिया की एक तिहाई से ज्यादा आबादी यानी कम से कम 2.6 अरब लोग रहते हैं।
वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि ये लोग विश्व के उन हिस्सों में रहे हैं, जो फिलहाल अप्रभावित हैं और जहांं मच्छर प्रचुर संख्या में हैं और वहां का मौसम जीका के पनपने, फैलने के लिहाज से उपयुक्त है । इस कारण अमरीकी उपमहाद्वीपों और कैरिबियाई क्षेत्र की तरह वहां भी यह महामारी का रूप अपना सकता है । अध्ययन में कहा गया है आकलन के हिसाब से, जीका वायरस के भौगोलिक दायरे के अंदर रहने वाले लोगों की सबसे ज्यादा आबादी भारत(1.2 अरब), चीन(24.2 करोड़), इंडोनेशिया(19.7 करोड़), नाइजीरिया(17.9 करोड़),पाकिस्तान(16.8 करोड़) और बांग्लादेश(16.3 करोड़) में है ।
बहरहाल,यह एक सैद्धांतिक संभावना है । मच्छर जनित संक्रमण इनमें से किसी देश में आएगा या नहीं यह एक बेहद अहम कारक से तय होगा । यह कारक है कि क्या लोगों में रोगप्रतिरोधक क्षमता है? अफ्रीका और एशिया में जीका के छुटपुट मामले सामने आए थे लेकिन कोई नहीं जानता है कि क्या यह इतने व्यापक तौर पर फैला था कि लोगों ने इसके लिए प्रतिरोधी क्षमता विकसित कर ली ।