Edited By Pardeep,Updated: 18 Mar, 2020 06:11 AM
भारत और पाकिस्तान के बीच यदि सीमित परमाणु युद्ध हुआ तो तत्काल 10 करोड़ लोगों की जान जाएगी और उसके बाद वैश्विक स्तर पर भयावह खाद्यान्न संकट भी पैदा हो सकता है। अपनी तरह के एक पहले अध्ययन में ऐसा कहा गया है। पत्रिका ‘साइंस एडवांसेज’ में हाल ही में...
वाशिंगटन: भारत और पाकिस्तान के बीच यदि सीमित परमाणु युद्ध हुआ तो तत्काल 10 करोड़ लोगों की जान जाएगी और उसके बाद वैश्विक स्तर पर भयावह खाद्यान्न संकट भी पैदा हो सकता है। अपनी तरह के एक पहले अध्ययन में ऐसा कहा गया है।
पत्रिका ‘साइंस एडवांसेज’ में हाल ही में प्रकाशित रॉबोक के एक अध्ययन में अनुमान व्यक्त किया गया है कि वैश्विक परमाणु आयुधों के एक फीसदी से भी कम ऐसे हथियारों के उपयोग वाले युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर तापमान में गिरावट तथा वर्षा एवं सूर्य की रोशनी में कमी से दुनियाभर में खाद्यान्न उत्पादन एवं व्यापार करीब एक दशक के लिए बाधित हो सकते हैं।
अमरीका के रटजर्स यूनिवर्सिटी-न्यू ब्रून्सविक के शोधकत्र्ताओं का कहना है कि इसका असर 21वीं सदी के आखिर तक मानवजनित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से कहीं ज्यादा होगा। उनका मानना है कि वैसे तो कृषि उत्पादकता पर वैश्विक तापमान में वृद्धि का व्यापक रूप से अध्ययन किया गया है लेकिन तापमान में अचानक गिरावट के वैश्विक फसल वृद्धि पर प्रभाव की नहीं के बराबर समझ है।
अध्ययन के सह-लेखक और विश्वविद्यालय के प्रोफैसर अलान रॉबोक ने कहा, ‘‘हमारे नतीजे से इस वजह को बल मिलता है कि परमाणु हथियारों का अवश्य ही सफाया किया जाना चाहिए क्योंकि यदि वे बने रहे तो उनका इस्तेमाल किया जा सकता और दुनिया के लिए इसके परिणाम त्रासद हो सकते हैं।
5 सालों के लिए घट जाएगा धरती का तापमान
इस नवीनतम अध्ययन में वैज्ञानिकों ने माना कि यदि महज 100 परमाणु हथियार भी इस्तेमाल किए गए तो उसके फलस्वरूप ऊपरी वायुमंडल में 50 लाख टन काला धुआं पैदा होगा और कम से कम 5 सालों के लिए धरती का तापमान 1.8 डिग्री घट जाएगा, वर्षा में 8 फीसदी गिरावट आएगी और सूर्य की रोशनी भी कम हो जाएगी।