Edited By Tanuja,Updated: 03 Dec, 2019 09:38 PM
संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा दशक इतिहास में सबसे गर्म दशक होगा। संयुक्त राष्ट्र ने यह बात एक वार्षिक आकलन में कही जिसमें वे तरीके रेखांकित किए गए ..
मैड्रिड: संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा दशक इतिहास में सबसे गर्म दशक होगा। संयुक्त राष्ट्र ने यह बात एक वार्षिक आकलन में कही जिसमें वे तरीके रेखांकित किए गए जिसमें जलवायु परिवर्तन मनुष्य को उसके अनुरूप ढालने की मनुष्य की क्षमता को पीछे छोड़ रहे हैं। विश्व मौसम संगठन (WMO) ने कहा कि अभी तक इस वर्ष वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक औसत से 1.1 डिग्री सेल्सियस ऊपर है। इससे 2019 अब तक दर्ज तीन सबसे गर्म वर्षों में शामिल होने की राह पर है।
WMO ने कहा कि जीवाश्म ईंधन को जलाने, भवन अवसंरचनाएं, फसल उगाने और सामान की ढुलाई जैसे कार्यों से होने वाले मनुष्य जनित उत्सर्जन के कारण 2019 वातावरणीय कार्बन सघनता का रिकॉर्ड तोड़ने जा रहा है जिसकी वजह से तापमान में और इजाफा होगा। ग्रीनहाउस गैसों के चलते उत्पन्न ऊष्मा का 90 प्रतिशत अवशोषित करने वाले महासागरों का तापमान उच्चतम दर्ज स्तर पर है। दुनिया के समुद्र अब 150 साल पहले की तुलना में एक चौथाई अधिक अम्लीय हैं जिससे महत्वपूर्ण समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों को खतरा उत्पन्न हो गया है जिस पर अरबों लोग भोजन एवं नौकरियों के लिए निर्भर हैं।
गत अक्टूबर में समुद्र का वैश्विक औसत स्तर अपने उच्चतम दर्ज स्तर पर पहुंच गया। इसमें 12 महीने में ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर से अलग होने वाली 329 अरब टन बर्फ ने भूमिका निभायी। पिछले चार दशकों में से प्रत्येक पिछले से अधिक गर्म रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि 2019 के पहले आधे हिस्से में एक करोड़ से अधिक लोग आतंरिक रूप से विस्थापित हुए। इसमें कहा कि वर्ष के अंत तक मौसम में बदलावों के चलते विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या 2.2 करोड़ पहुंच सकती है।