श्रीलंका के इतिहास में सबसे खराब राजनीतिक संकट के लिए जाना जाएगा वर्ष 2018

Edited By Tanuja,Updated: 26 Dec, 2018 05:43 PM

2018 will be remembered for worst political crisis in sri lanka s history

वर्ष 2018 श्रीलंका के इतिहास में सबसे भीषण राजनीतिक संकट के लिए जाना जाएगा जिसके चलते भारत सहित पूरी दुनिया में चिंता उत्पन्न हो गई थी। घोर आर्थिक संकट का सामना कर रहे इस देश को लगभग 2 महीने तक तब कार्यशील सरकार के बिना रहना पड़ा ...

कोलंबोः वर्ष 2018 श्रीलंका के इतिहास में सबसे भीषण राजनीतिक संकट के लिए जाना जाएगा जिसके चलते भारत सहित पूरी दुनिया में चिंता उत्पन्न हो गई थी। घोर आर्थिक संकट का सामना कर रहे इस देश को लगभग 2 महीने तक तब कार्यशील सरकार के बिना रहना पड़ा क्योंकि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने नीतिगत मुद्दों पर मतभेदों के चलते एक नाटकीय कदम के तहत प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर उनकी जगह पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। 
PunjabKesari
राजपक्षे की सत्ता में वापसी से भारत की चिंता बढ़ गई कि अब चीन श्रीलंका पर अपनी पकड़ मजबूत करेगा। लिट्टे के खात्मे के लिए जाने जाने वाले राजपक्षे की दशक-भर लंबे, तानाशाही वाले शासन के चलते व्यापक निन्दा होती है। श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने हालांकि राष्ट्रपति सिरिसेना को 16 दिसंबर को यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद पर बहाल करने को विवश कर दिया। विक्रमसिंघे को भारत समर्थक माना जाता है। प्रधानमंत्री के रूप में उनकी पुन: नियुक्ति पर भारत ने राजनीतिक संकट के समाधान का स्वागत किया और विश्वास जताया कि दोनों देशों के बीच संबंध लगातार आगे बढ़ेंगे।  

PunjabKesariअमेरिका, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया और नॉर्वे ने भी श्रीलंका में राजनीतिक संकट के शांतिपूर्ण समाधान का स्वागत किया। राष्ट्रपति के रूप में राजपक्षे के एक दशक लंबे शासनकाल में श्रीलंका चीन के नजदीक आ गया था और बीजिंग ने श्रीलंका की अवसंरचना में गृहयुद्ध के खात्मे के बाद से लाखों डॉलर की राशि लगाई है। हालांकि चीन के कर्ज की वजह से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था प्रभावित होने के चलते सिरिसेना-विक्रमसिंघे सरकार के तहत कई परियोजनाओं में बदलाव किया गया। चीन व्यापार मार्गों के विस्तार की अपनी महत्वाकांक्षी योजना में श्रीलंका को महत्वपूर्ण मानता है, जबकि भारत हिन्द महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंतित है। भारत और श्रीलंका ने 2018 में उच्चस्तरीय आदान-प्रदान और समझौतों पर हस्ताक्षरों के साथ अपने संबंधों में गरमाहट रखी।
PunjabKesari
विक्रमसिंघे ने अक्टूबर में भारत का दौरा किया और अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। इस साल श्रीलंका की अर्थव्यवस्था उम्मीद से धीमी रही। लगभग दो महीने तक चले राजनीतिक संकट और इसके चलते पंगु हुई सरकार की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा। हालांकि विक्रमसिंघे की पुनर्बहाली से श्रीलंका में उम्मीद जगी है। देश में राजनीतिक स्थिरता इस बात पर निर्भर करेगी कि विक्रमसिंघे और सिरिसेना अपने मतभेद भुलाकर नीतिगत मुद्दों पर किस तरह काम करते हैं। इससे श्रीलंका के साथ भारत के संबंधों की दिशा भी तय होगी।' 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!