Edited By Tanuja,Updated: 01 Apr, 2020 03:24 PM
कोरोना वायरस से दुनिया भर में अब तक लाखों लोगों संक्रमित हो चुके हैं। इसदौरान कई लोग वायरस से उबकर स्वस्थ हो गए हैं। वहीं बड़ी तादाद अब भी इससे जूझ रही है...
न्यूयार्कः कोरोना वायरस से दुनिया भर में अब तक लाखों लोगों संक्रमित हो चुके हैं। इसदौरान कई लोग वायरस से उबकर स्वस्थ हो गए हैं। वहीं बड़ी तादाद अब भी इससे जूझ रही है। इस दौरान कई कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों ने अपने अनुभवों को साझा किया है। ट्विटर पर अमेरिका की एक 22 वर्षीय लड़की एमी शरसेल की काफी चर्चा है जो कोरोना पॉजिटीव पाई गईं। शरसेल ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि संक्रमण के बाद उन्हें डर लगता था कि वह मर जाएंगी। विस्कॉन्सिन की रहने वाली एमी ने कहा कि यह कहानी साझा करने का एक मुख्य कारण लोगों को बाहर जाने से रोकने के लिए प्रेरित करना है।
एमी ने ट्विटर पर लिखा, 'मैं 22 साल की हूं और मैंने कोविड -19 पॉजिटिव पाई गई। इससे बचने के लिए आप मेरे अनुभव से सीखें। उम्मीद है कि मेरे अनुभव सुनकर आप लोगों को घर (असली के लिए) पर रहने में मदद मिलेगी।' उसने ट्वीट में उल्लेख किया कि वह यूरोप से छुट्टी मनाकर लौटी थी। इसलिए लक्षण जाहिर होने के दूसरे दिन टेस्ट करा सकती थी। एमी ने कहा, 'लक्षण जाहिर के कुछ दिन ज्यादा परेशानी नहीं हुई। मुझे बुखार था, हल्की खांसी, ठंड लगना और सिरदर्द के साथ-साथ नाक बह रही थी। मैं यूरोप गई थी इसलिए मुझे लक्षण दिखने के दूसरे दिन टेस्ट की अनुमति मिल जाती।' हालांकि, एमी ने टेस्ट लापरवाही बरती और कुछ दिन तक घर में ही रही।
एमी ने लक्षण के कारण होने वाले असर का दिन-ब-दिन के हिसाब से जिक्र किया है। उसने लिखा, 'तीसरे दिन तक मैं कुछ भी नीचे नहीं रख सकता थी। मैं लगातार उल्टी कर रही थी। मैं सो नहीं सकती। मैं खा नहीं सकती थी।' 'पांचवें दिन हालात और भी बदतर हो गए। असहनीय और भयावह दर्द, मैं अपने पूरे जीवन में कभी ऐसे बीमार नहीं हुई। मैं वाकई डर गई थी कि मैं मर जाऊंगी क्योंकि उस वक्त ऐसा ही महसूस हुआ।' इसके बाद स्थिति और बिगड़ गई। एमी ने ट्वीट किया, 'लक्षणों के छठे दिन मैं इतना कमजोर हो गई था कि चल भी नहीं पा रही थी।
मैं उल्टी करने के लिए मैं रेंगते हुए बाथरूम में गई। मझे सामने मौत नजर आने लगी तो मैंने 911 को कॉल किया। वो मुझे एम्बुलेंस में इमर्जेंसी में ले गए। मैं वहां एक दिन रही। उन्होंने मुझे कुछ दावएं दीं।' उन्होंने लिखा, 'लक्षणों के सातवें और ग्यारहवें दिन मैं अपने जीवन में बुखार से कभी भी इतना कमजोर या थका महसूर नहीं किया था। मैं पूरे दिन बिस्तर पर कांपती रहती थाी। मैं नौवें दिन तक खा नहीं पा रही थी। मैं पूरी तरह से दुखी थी। '
उन्होंने आखिर में लिखा, 'अभी मैं अपने लक्षणों के 12वें दिन पर हूं और मुझे अब भूख लग रही है। लेकिन अंत अभी कहीं नहीं है। मुझमें अभी भी सभी प्रमुख लक्षण हैं। कोरोनो वायरस से निपटना अमानवीय और अकेलेपन में धकेलने वाला है। मैं नहीं चाहती कि मेरा दुश्मन भी इस वायरस की चपेट में आए। आप सिर्फ इसलिए अजेय नहीं हैं क्योंकि आप अपने ट्वेंटीज में हैं। मुझसे सीखें और आपने आपको क्वारंटाइन करें। आपका जीवना इस पर निर्भर करता है।'