कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद 34 लोगों की मौत व सैकड़ों पर साइड इफैक्ट, जांच में जुटे विशेषज्ञ

Edited By Tanuja,Updated: 16 Jan, 2021 02:21 PM

34 people died after corona vaccine  experts investigating in norway

दुनियाभर में  बेशक कोरोना वैक्‍सीन लगाने का अभियान गति पकड़ रहा है लेकिन साथ ही इसके साइड इफैक्ट भी सामने आने शुरू हो गए हैं...

इंटरनेशनल डेस्कः दुनियाभर में  बेशक कोरोना वैक्‍सीन लगाने का अभियान गति पकड़ रहा है लेकिन साथ ही इसके साइड इफैक्ट भी सामने आने शुरू हो गए हैं। जर्मनी में कोरोना संक्रमण से बचाव में कारगर टीका लगवाने के बाद 10  व  नार्वे में 23 लोगों के अलावा कनाडा में एक डाक्टर समेत 34  की मौत हो गई और 100 लोगों पर इसका दुष्‍प्रभाव देखा गया है। वहीं एक अन्‍य यूरोपीय देश फ‍िनलैंड ने भी ऐलान किया है कि इस वैक्‍सीन को लगाने के बाद 32 लोगों में साइड इफेक्‍ट देखा गया है। हालांकि अभी यह पूरी तरह से पुष्‍ट नहीं हुआ है कि नार्वे में हुई इन मौतों का सीधा संबंध फाइजर की वैक्‍सीन से है।

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मौत की वजहें खंगालने में जुटे विशेषज्ञ
पॉल एर्लिश इंस्टीट्यूट (PEI) के विशेषज्ञ मामले में मौत की वजहें खंगालने  में जुट गए हैं। यह इंस्टीट्यूट जर्मनी में चिकित्सकीय उत्पादों की सुरक्षा जांच का जिम्मा संभालता है। PEI से जुड़ी ब्रिगिट केलर-स्टेनिसलॉस्की ने बताया कि सभी मृतक गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। उनकी उम्र 79 से 93 साल के बीच थी। टीकाकरण और मौत की अवधि के बीच चंद घंटों से लेकर चार दिन तक का फासला बताया जा रहा है। ब्रिगिट ने कहा, ‘सभी मृतक गंभीर अवस्था में थे। उनका विभिन्न बीमारियों को लेकर इलाज चल रहा था। हम दसों मामलों का अध्ययन कर रहे हैं। शुरुआती जांच से लगता है कि मरीजों की जान बीमारियों की वजह से गई। कोविड टीकाकरण का संभवत: इससे कोई संबंध नहीं है।’

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दुष्परिणाम के 325 मामले रिकॉर्ड
बता दें कि जर्मनी ने दिसंबर 2020 के अंत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी। देश में फाइजर और बायोएनटेक की ओर से विकसित वैक्सीन लगाई जा रही है। गुरुवार तक 8.42 लाख लोगों को पहली खुराक दी जा चुकी है। सबसे पहले 80 पार बुजुर्गों, नर्सिंग होम में रह रहे मरीजों-स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया जा रहा है। पॉल एर्लिश इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने शुक्रवार को जर्मनी में कोविड टीके से गंभीर साइडइफेक्ट के छह नए मामले दर्ज किए। देश में अब तक वैक्सीन से जुड़े कथित दुष्परिणाम के 325 मामले रिकॉर्ड किए जा चुके हैं। इनमें 51 गंभीर मामले में शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये आंकड़े अप्रत्याशित नहीं हैं। अमेरिका में भी साइडइफेक्ट के कई मामले सामने आ चुके हैं।

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 नार्वे के अधिकारियों ने चेतावनी दी
उधर, नार्वे ने बताया कि है कि फाइजर का टीका लगने के बाद 23 लोगों की मौत हो गई है। यही नहीं कुल 100 लोगों में इस कोरोना वैक्‍सीन को लगाने के बाद साइड इफेक्‍ट देखे गए हैं। नार्वे के स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों में शरीर पर चकत्‍ते और आंखों के आसपास सूजन देखी गई। इन लोगों को तत्‍काल दवा दी गई और वे जल्‍द ही ठीक हो गए। उन्‍होंने कहा कि अन्‍य लोगों में सिर दर्द, थकान और इंजेक्‍शन लगने की जगह पर तेज दर्द के लक्षण देखे गए। नार्वे के अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस तरह के साइड इफेक्‍ट वैक्‍सीन लगने के बाद सामान्‍य बात है। इस बीच नार्वे के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि फाइजर की कोरोना वायरस वैक्‍सीन कुछ खास उम्र के बीमार लोगों के लिए बहुत ज्‍यादा खतरनाक हो सकती है। नार्वे के अधिकारियों ने 13 मृत लोगों के अटाप्‍सी रिपोर्ट के बाद कहा कि सामान्‍य साइड इफेक्‍ट ने पहले से बीमार चल रहे लोगों और बुजुर्गों में गंभीर रिएक्‍शन पैदा किया।

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कनाडा में टीका लगवाने के बाद डॉक्टर की मौत से हड़कंप
दूसरी ओर, कनाडा में फाइजर-बायोएनटेक की ओर से विकसित टीका लगवाने के तीन दिन बाद एक डॉक्टर की मौत से हड़कंप मच गया। स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को मामले की जांच शुरू कर दी। वे डॉक्टर की मौत में टीके की भूमिका का भी पता लगाएंगे। इस बीच, फाइजर ने सफाई दी कि मामले की जांच जारी है। हालांकि, हमारा मानना है कि फ्लोरिडा के डॉक्टर की मौत में वैक्सीन की कोई भूमिका नहीं है। माउंट सिनाई मेडिकल सेंटर के शीर्ष प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. ग्रेगरी माइकल ने 18 दिसंबर को टीका लगवाया था। तीन दिन बाद 21 दिसंबर को उनकी मौत हो गई थी।

 

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