Edited By Isha,Updated: 19 Jun, 2018 12:59 PM
म्यामां और सीरिया सहित विश्वभर में जंग , हिंसा तथा उत्पीडऩ के चलते छह करोड़ 85 लाख लोग अपने घरों को छोडऩे के लिए मजबूर हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की ओर से आज जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
जिनीवाः म्यामां और सीरिया सहित विश्वभर में जंग , हिंसा तथा उत्पीडऩ के चलते छह करोड़ 85 लाख लोग अपने घरों को छोडऩे के लिए मजबूर हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की ओर से आज जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 के अंत तक यह संख्या 2016 की तुलना में कम से कम 30 लाख अधिक थी। एक दशक पहले चार करोड़ 27 लाख लोग बेघर हुए थे। इस संख्या में 50 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसमें कहा गया कि यह संख्या थाइलैंड की पूरी जनसंख्या के बराबर है। विश्वभर में विस्थपित हुए लोगों की संख्या प्रत्येक 110 लोगों में एक व्यक्ति है।
संयुक्त राष्ट्र में विस्थापितों के लिए उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने कहा कि हम एक ऐसे मुहाने पर हैं जहां विश्वभर में मजबूरन विस्थापित लोगों की बेहतरी की सफलता के लिए नई और कहीं ज्यादा व्यापक दृष्टिकोण की जरूरत है ताकि देश अथवा समुदाय इससे निपटने में अकेले नहीं पड़ जाएं। उन्होंने यहां रिपोर्ट जारी करने से पहले संवाददाताओं से कहा कि इनमें से 70 प्रतिशत लोग केवल 10 देशों से हैं। इनमें सीरिया, म्यामां, ईरान, दक्षिण सूडान आदि शामिल हैं।