रिसर्चरों ने फेक न्यूज की पहचान के लिए निकाले ये खास तरीके

Edited By Tanuja,Updated: 19 Nov, 2019 03:46 PM

7 types of fake news identified to help detect misinformation

पेंसिलवानिया स्टेट यूनिवर्सिटी की ओर से किए रिसर्च में फेक न्यूज की पहचान करने के लिए रिसर्चरों ने खास 7 तरीके निकाले हैं...

वॉशिंगटनः पेंसिलवानिया स्टेट यूनिवर्सिटी की ओर से किए रिसर्च में फेक न्यूज की पहचान करने के लिए रिसर्चरों ने खास 7 तरीके निकाले हैं। इन तरीकों के इस्तेमाल से तकनीक के जरिए भ्रमित करनेवाले कॉन्टेंट की स्वतः पहचान हो जाएगी। इस रिसर्च में फर्जी खबरों को मुख्य तौर पर 7 श्रेणी में रखा गया है। इनमें गलत खबरें, ध्रुवीकरण वाली खबरें, व्यंग्य, गलत रिपोर्टिंग, कॉमेंट्री, उत्तेजक सूचनाएं और सिटिजन जर्नलिज्म में बांटा गया है। अमेरिकन बिहेवियरल साइंटिस्ट पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में उन कॉन्टेंट्स की भी पहचान की गई है जो सच्ची खबर होती हैं।

PunjabKesari

फेक न्यूज के खतरे
फेक न्यूज के खतरों पर बात करते हुए पेंसिलवैनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रफेसर एस. श्याम सुंदर ने कहा, 'फेक न्यूज का टर्म ही हमारी सांस्कृतिक चेतना के बिल्कुल परे है। इस परख पाना इतना कठिन है कि फेक न्यूज प्रयोग से कई बार अच्छे समझदार और विद्वान लोग भी भ्रमित हो जाते हैं क्योंकि बड़े पैमाने पर विभाजनकारी ताकतें इन्हें फैलाने के लिए काम कर रही हैं।' शोधकर्ताओं की टीम का निष्कर्ष है कि सच्ची खबरों के संदेशों का अपना अलग मिजाज होता है जो उसे विभिन्न प्रकार के फर्जी खबरों से अलग करता है। इनमें पत्रकारीय शैली भी एक है।

PunjabKesari

ऐसे होती है पहचान

  • झूठी खबरों में आम तौर पर व्याकरण की काफी गलतियां होती हैं।
  • उनमें तथ्यों की कमी होती है और भावनात्मक पक्षों को ज्यादा तूल दिया जाता है।
  • इसके साथ ही उनकी हेडलाइंस भी बेहद भ्रामक होती हैं।
  • रिसर्च टीम का कहना है कि फेक न्यूज की पहचान उनके स्रोतों से भी की जा सकती है।
  • सही और गलत खबरों को इस आधार पर भी परखा जा सकता है कि आखिर किन सूत्रों का चयन किया गया है और उनका इस्तेमाल कैसे किया गया है।
  • फेक न्यूज के अक्सर नॉन-स्टैंडर्ड वेब अड्रेस होते हैं और पर्सनल ईमेल संपर्क के लिए दी जाते हैं।
  • नेटवर्क में फर्क के आधार पर भी फेक न्यूज की पहचान की जा सकती है।
  • आम तौर पर सोशल मीडिया पर ही ऐसी फेक न्यूज सबसे तेजी से फैलती हैं।
  • सोशल मीडिया पर फैलने के बाद ही ये मेनस्ट्रीम मीडिया तक पहुंचती हैं।
  • रिसर्च टीम की सदस्य मारिया मोलिना ने कहा कि फेक न्यूज की पहचान के लिए अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत होती है और इसे नेटवर्क, भाषा, स्रोत आदि के आधार पर पहचाना जा सकता है।

PunjabKesari

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!