Edited By ,Updated: 05 May, 2017 03:17 PM
बर्मिंगहम में पैदा हुई भारतीय मूल की 7 साल की बच्ची अनु अपने अनोखे पैरों से अमरीका के स्कूल में एक मिसाल की तरह देखी जा रही है।
बर्मिंगहमः बर्मिंगहम में पैदा हुई भारतीय मूल की 7 साल की बच्ची अनु अपने अनोखे पैरों से अमरीका के स्कूल में एक मिसाल की तरह देखी जा रही है। बाकी बच्चों की तरह उसे भी खेलने-कूदने, डांस करने और दौड़ने का शौक है और वह अपने सारे शौक अपने 'रनिंग ब्लेड्स' (कृत्रिम पैरों) की बदौलत ही पूरे कर रही हैं। अनु जब पैदा हुई थी तभी उसके पैरों में कुछ दिक्कत थी। इनफेक्शन के डर से उसके पैरों को काटकर हटा दिया गया। बावजूद इसके आज वो खेल में और दौड़ में अच्छे-अच्छों को हरा सकती है।
एक न्यूज चैनल काे दिए अपने इंटरव्यू में अनु ने बताया, मेरे अपने पैर नहीं हैं लेकिन मैं जो चाहती हूं वो कर लेती हूं, मैं हर रोज पापा के साथ फुटबॉल खेलती हूं। मुझे डांस करना बेहद पसंद है, मेरा फेवरेट कलर पिंक है इसलिए मैनें अपने रनिंग ब्लेड्स (कृत्रिम पैर) का कलर भी पिंक ही लिया। वैसे पिछले पैरालंपिक्स की सफल तस्वीरों को देखकर ब्रिटिश सरकार ने दिव्यांग बच्चों के लिए कई नए तरह के रनिंग ब्लेड्स बनाने का प्रस्ताव रखा है। इन रनिंग ब्लेड्स की कीमत 2 लाख से लेकर करीब 5 लाख तक है, जिसे हर 2 साल बाद बदलना पड़ता है।
यहां देखिए अनु का एक प्यारा वीडियोः-