कोच ने ऐसे बचा कर रखी थाईलैंड गुफा में फंसे खिलाड़ियों की जिंदगी

Edited By Tanuja,Updated: 10 Jul, 2018 03:25 PM

8 children escaped from thailand cave continue the search operation

थाईलैंड की गुफा में 15 दिनों से फंसे 12 लड़कों और उनके फुटबॉल कोच में से 6 को रविवार को बाहर निकालने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को  10 घंटों के लिए रोक दिया गया था। बचाव अभियान सोमवार को फिर से शुरू होगा और इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं...

चियांग रायः थाईलैंड की गुफा में 15 दिनों से फंसे 12 लड़कों और उनके फुटबॉल कोच में से 9 को निकालने के बाद रेस्क्यू अभियान जारी है। गुफा में फंसे जूनियर फुटबॉल खिलाड़ियों और कोच को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि गुफा से निकाले गए खिलाड़ियों ने किया है। 

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 कोच के इस रणनीति से बची जान
थाम लुआंग गुफा से बाहर निकाले गए बच्चों ने बताया कि गुफा में फंसने के बाद 9 दिन तक उन्हें कोई बचाने नहीं पहुंचा था। लेकिन इस दौरान कोच इकापोल चांटावांग ने न सिर्फ सभी उनकी जिन्दगी बचाई बल्कि अपने हक का खाना भी खिलाया। 
खिलाड़ियों ने बताया कि जब वे गुफा में गए थे तो उनके पास खाने का सामान ज्यादा नहीं था। ऐसे में जब तक बाहर न निकल जाएं तब तक शरीर की ऊर्जा बचाने के लिए कोच ने तरीके बताए। वे सभी का हिम्मत बढ़ाते रहे और खुद के हिस्से के भोजन को भी सभी में बांट देते थे। खिलाड़ियों ने कहा कि कोच इकापोल चांटावांग हमेशा कहते रहे कि स्थिति के अनुसार सभी को ढलना होगा और इस मुश्किल की घड़ी में हार नहीं माननी होगी। चांटावांग के इसी साहस की बदौलत सभी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ता रहा और वे गुफा में सकुशल रहे। 


कोच से पहले साधु थे इकापोल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फुटबॉल टीम के कोच इकापोल तीन साल पहले तक साधु थे। बचपन में अनाथ हो जाने के बाद उन्होंने साधु बनने की दीक्षा ली थी। बताया जाता है कि तीन साल पहले जब उन्हें पता चला कि उनकी दादी की तबीयत काफी खराब है तो वे मठ छोड़कर गृहस्थी जीवन में आ गए। इसके बाद 25 साल के इकापोल को मू पा फुटबॉल टीम का सहायत कोच नियुक्त किया गया।
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बच्चों को मीडिया से रखा दूर, पैरेंट्स नहीं  छू सकते बच्चे 
बचाव अभियान के पहले चरण में रविवार को अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, यूरोप और थाईलैंड के विशेषज्ञ शामिल थे। 6 युवा फुटबॉल खिलाड़ियों को गुफा से निकालने के बाद हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया है। सोमवार को यह अभियान फिर से जोर पकड़ेगा. इस अभियान में अब बेबी सबमरीन की मदद भी ली जा सकती है। पूरे ऑपरेशन में कुल 90 गोताखोर जुटे हैं जिनमें 40 थाई जबकि 50 अन्य देशों के गोताखोर हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के चीफ नारोंगसाक असोतानाकोर्न ने बताया कि अब तक 8 बच्चों को गुफा से बाहर निकाला गया है। उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। बच्चों को मीडिया से दूर ही रखा गया है। बाकी लोगों को निकालने के लिए टीम कोशिश कर रही है। थाईलैंड की गुफा से निकाले  बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य ठीक है। अधिकारियों ने कहा है कि 2 बच्चों को निमोनिया की आशंका है और उनकी जांच की जा रही है। उन्हें एंटीबायोटिक्स दी जा रही हैं। हालांकि, इंफेक्शन के डर से पैरेंट्स को बच्चे को छूने या गले लगाने से मना किया गया है।माता-पिता सिर्फ पारदर्शी शीशे से देख सकते हैं।

 

अधिकारी ने बताया कि बच्चों का एक्स-रे जांच और उनके खून के नमूनों की जांच की गई है। उन्होंने बताया कि बच्चे खा रहे हैं, चल-फिर रहे हैं और बातचीत भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा- जब तक उनके जांच के नतीजे नहीं आते तब तक सभी बच्चों को एक सप्ताह के लिए अस्पताल में रहना होगा। उनमें किसी तरह का बदलाव तो नहीं हो रहा, इस पर नजर रखी जाएगी। बच्चों को अस्पताल के अलग वार्ड में रखा गया है।
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अमरीका दे रहा मददः ट्रंप
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस अभियान के बारे में ट्वीट कर कहा कि उनका देश थाईलैंड के साथ मिलकर बच्चों को सुरक्षित गुफा से बाहर निकालने में मदद कर रहा है। जानकारी के मुताबिक गोताखोरों को गुफा का एक चक्कर पूरा करने में करीब 11 घंटे का समय लग रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में लगातार बारिश होगी । इस लिए बचाव अभियान को रविवार को शुरू करना पड़ा।
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13 मेडिकल टीमें पूरी तरह तैयार
आपको बता दें कि दरअसल 'वाइल्ड बोर्स' नाम की यह फुटबॉल टीम गुफा में 23 जून से फंसी है। ये लोग घूमते हुए गुफा तक पहुंचे थे और तेज मॉनसूनी बारिश की वजह से गुफा में ही फंस गए। गुफा में काफी पानी भर जाने के बाद फुटबॉल खिलाड़ी अपने कोच के साथ वहीं फंस गए।
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 इस गुफा में रहने से बच्चों को केव डिजीज नाम की बीमारी होने का भी खतरा पैदा हो गया है। थाइलैंड की गुफा में फंसी फुटबॉल टीम के बच्चों को बचाने के लिए के लिए गठित की गई 13 मेडिकल टीमें पूरी तरह से तैयार बैठी हैं। हर टीम के पास अपना हेलीकॉप्टर और एंबुलेंस है।

 

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