Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 12:10 PM
बचपन से लेकर बड़े होने तक हम यहीं सुनते आए है कि धरती गोल है। वैज्ञानिकों ने भी यहीं दावा किया है कि धरती गोल आकार की है पर एक शख्स ने विज्ञान की इस बात को चनौती देते एेसा काम किया कि जो भी सुनेगा हस के लोटपोट हो जाएगा
कैलिफोर्नियाः बचपन से लेकर बड़े होने तक हम यहीं सुनते आएं हैं कि धरती गोल है। वैज्ञानिकों ने भी यहीं दावा किया है कि धरती गोल आकार की है पर एक शख्स ने विज्ञान की इस बात को चनौती देते हुए एेसा काम किया कि जो भी सुनेगा हंस हंस के लोटपोट हो जाएगा। आपको शायद यकीन करना मुश्किल होगा लेकिन अमरीका के कैलिफोर्निया में रहने वाले 61 वर्ष के माइक हग्स ने अपने ही बनाए हुए रॉकेट में खुद को लॉन्च कर दिया। वह सिर्फ ये साबित करना चाहता था कि धरती गोल नहीं बल्कि चपटी है।
रॉकेट के जवाब देने पर जमीन पर लगाई छलांग
मैड माइक ह्यूग्स ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। 1,875 फीट (571 मीटर) की ऊंचाई पर जाकर रॉकेट जवाब दे गया और उसके बाद माइक ने बाहर निकलकर जमीन के लिए छलांग लगा दी। पैराशूट की मदद से माइक जमीन पर आए। हैरानी की बात है कि माइक को इस दौरान कोई चोट नहीं आई है और वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
एेेसे बनाया था रॉकेट
माइक जिन्हें लिमोजिन चलाने का शौक है उन्होंने मोबाइल होम को रैंप में बदला और फिर उसमें कई अहम बदलाव किए ताकि वह नीचे न गिरें। माइक ने इसके लिए घर में पड़े कबाड़ से रॉकेट तैयार किया है। नवंबर 2017 से जारी थी कोशिश यह उड़ान उनके इस प्रोग्राम का पहला फेज था। हग्स का आखिरी लक्ष्य लॉन्च के जरिए धरती से मीलों दूर पहुंचना है, जहां से वह एक ऐसी तस्वीर खींच सकें जो पृथ्वी के आकार को लेकर अपनी थ्योरीज को दुनिया के सामने साबित कर सकें। माइक ने पहला मानव चलित रॉकेट साल 2014 में बनाया था जो एक चौथाई मील उड़ने में कामयाब रहा था।
पीठ के दर्द के बाद भी है सुरक्षित है माइक
माइक नवंबर 2017 से ऐसा करने की कोशिश कर रहे थे और अपने रॉकेट लॉन्चिंग का पहला ऐलान किया था। लैंडिंग के बाद माइक ने बताया कि पीठ दर्द के बाद भी वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बात को सुन-सुनकर थक चुके थे कि वह एक कायर हैं और कभी रॉकेट नहीं बना पाएंगे। इसलिए उन्होंने एक रॉकेट तैयार किया और फिर इसे लॉन्च कर दिया।