Edited By Tanuja,Updated: 05 Jul, 2018 03:39 PM
सुंदर दिखने के लिए महिलाएं कई तरीके अपनाती हैं व उपचार करवाती है । इन्हीं में से एक है पेडीक्योर जो पैरों को स्वस्थ व सुंदर रखने का पुराना तरीका है। लेकिन आजकल फिश पेडीक्योर काफी चलन में है । नार्मल पेडीक्योर में मृत त्वचा निकालने के लिए रेजर का...
न्यूयॉर्कः सुंदर दिखने के लिए महिलाएं कई तरीके अपनाती हैं व उपचार करवाती है । इन्हीं में से एक है पेडीक्योर जो पैरों को स्वस्थ व सुंदर रखने का पुराना तरीका है। लेकिन आजकल फिश पेडीक्योर काफी चलन में है । नार्मल पेडीक्योर में मृत त्वचा निकालने के लिए रेजर का प्रयोग किया जाता है, जबकि फिश पेडीक्योर में यह काम मछली करती है। फिश पेडीक्योर से पैरों पर मौजूद मृत त्वचा को हटाया जा सकता है। लेकिन फिश पेडीक्योर एक महिला को भारी पड़ गया। यह महिला उस बात से परेशान और हैरान थी कि उसके पैर के नाखून टूटते और अलग होते जा रहे हैं । उसने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने बताया कि यह फिश पेडीक्योर के कारण ही हुआ है।
न्यूयॉर्क में रहने वाली उस महिला ने छह महीने पहले फिश पेडीक्योर करवाया था। फिश पैडीक्योर करने के लिए पैरों को गर्म पानी के एक टैंक में पूरी तरह से डूबा दिया जाता है जिसमें बिना दांत वाली कार्प के आकार की दर्जनों छोटी मछलियां होती हैं जो कि गारा रूफा या डॉक्टर फिश कहलाती है। ये मछलियां लगातार आपके पैरों को कुतरती रहती हैं और पैरों की मृत त्वता को चट कर जाती हैं। वह छह महीनों में कनेक्शन नहीं जोड़ पाई कि नाखूनों के अलग होने की वजह वो मछलियां थी। साथ ही उनके परिवार में नेल डिसऑर्डर का कोई इतिहास नहीं था और न ही कोई अन्य मेडिकल प्रॉब्लम।
कुछ महीने पहले ही उसे नाखूनों में असामान्य बदलाव नजर आने लगे। यह पहला नहीं मामला है कि डॉक्टर फिश पर ऐसा कुछ दोष दिया गया हो। पहले भी ऐसे मामले आए हैं जिसमें फिश पेडीक्योर ने स्टाफिलोकोकस ऑरियस और माइकोबैक्टेरियोसिस इंफेक्शन ट्रांसमिट किया हो। मछलियां ही इन संक्रमणों का कारण नहीं है लेकिन किसी एक कस्मटर से दूसरे कस्टमर में ये मछलियां हानिकारक सूक्ष्मजीव फैला सकती हैं।