Edited By Anu Malhotra,Updated: 28 Sep, 2021 12:15 PM
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के एक महीने से अधिक समय बाद एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि अफगान सुरक्षा बलों का पतन अचानक नहीं हुआ था। इसके विपरीत, यह 15 अगस्त को काबुल के पतन के महीनों पहले शुरू हुआ एक धीमा और दर्दनाक ब्रेकडाऊन था।
वाशिंगटन-तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के एक महीने से अधिक समय बाद एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि अफगान सुरक्षा बलों का पतन अचानक नहीं हुआ था। इसके विपरीत, यह 15 अगस्त को काबुल के पतन के महीनों पहले शुरू हुआ एक धीमा और दर्दनाक ब्रेकडाऊन था।
द वाशिंगटन पोस्ट की एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि तालिबान ने बसंत ऋतु में अपना आक्रमण शुरू कर दिया था। जैसे-जैसे अमरीका की शक्ति की गिरावट की गति बढ़ी, अफगानिस्तान के विशेष ऑप्रेटरों को बड़े पैमाने पर रक्षा मंत्रालय की कमान के तहत स्थानांतरित कर दिया गया।
देश के सबसे उच्च प्रशिक्षित लड़ाकों को न अमरीकी हवाई समर्थन मिल रहा था और न ही वेतन परंतु उन्हें रक्षात्मक अभियानों का दायित्व सौंप दिया गया था। जैसे-जैसे झड़पें तेज होती गईं, अफगानिस्तान के कई पुलिस कर्मी बिना वेतन के अपने छठे महीने में प्रवेश कर रहे थे। यह एक व्यापक समस्या थी जिसने सरकारी बलों का मनोबल गिरा दिया और उन्हें तालिबान प्रस्तावों में आकर्षण दिखाई देने लगा।