Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Dec, 2020 04:32 PM
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में तालिबान की मौजूदगी से काबुल में शांति और स्थिरता को खतरा है। मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में पाकिस्तान में तालिबान लड़ाकों की उपस्थिति को ‘अफगानिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता का स्पष्ट...
इंटरनेशनल डेस्क: अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में तालिबान की मौजूदगी से काबुल में शांति और स्थिरता को खतरा है। मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में पाकिस्तान में तालिबान लड़ाकों की उपस्थिति को ‘अफगानिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता का स्पष्ट उल्लंघन' करार दिया। मंत्रालय ने हाल ही में पाकिस्तान के कराची में तालिबान के उप नेता अब्दुल गनी बरादर को तालिबान सदस्यों को संबोधित करते हुए हाल ही में वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। मुल्ला बरादर और तालिबान की बातचीत करने वाली टीम ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान का दौरा किया था।
बयान में कहा गया कि पाकिस्तान में तालिबान नेताओं और लड़ाकों की मौजूदगी का मतलब क्षेत्र में जारी संकट और अस्थिरता को जारी रखना होगा और इससे अफगानिस्तान में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के प्रयासों को खतरा होगा। बयान में आतंकवादियों को अफगानिस्तान के खिलाफ अपने क्षेत्र का उपयोग करने से रोकने के लिए पाकिस्तान से अपील करते हुए कहा गया कि विद्रोहियों और आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को बंद करना अफगानिस्तान में संकट के शांतिपूर्ण अंत के लिए महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बरादर को यह कहते हुए सुना गया है कि तालिबान के नेतृत्व और पाकिस्तान में तालिबान के मौलवी परिषद के परामर्श से शांति प्रक्रिया के बारे में सभी निर्णय अंतिम रूप से लिए जा रहे हैं। उसने कहा कि पाकिस्तान आधारित मौलवी तालिबान पर प्रभाव डालते हैं। बरादार ने कहा कि तालिबान का नेतृत्व पाकिस्तान में मौजूद है।