PDM रैलियों को रोकने के लिए घटिया हथकंडे अपना रही इमरान सरकार, मौलाना फजलुर के खिलाफ उठाया कदम

Edited By Tanuja,Updated: 13 Dec, 2020 03:46 PM

ahead of anti govt rally pak nab starts investigation to pdm chief

पाकिस्‍तान में इमरान सरकार विपक्ष की रैलियों से बौखला गई है। आज 13 दिसंबर को होने वाली लाहौर की महारैली इमरान सरकार के लिए मुसीबत ...

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान में इमरान सरकार विपक्ष की रैलियों से बौखला गई है। आज 13 दिसंबर को होने वाली लाहौर की महारैली इमरान सरकार के लिए मुसीबत और विपक्षी दलों के लिए आर-पार की लड़ाई का सवाल बन गई है। रैली को रोकने के लिए भी सरकार सभी दावपेंच आजमा रही है।  कोरोना महामारी की आड़ में इमरान सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है जिसके तहत अगले दो माह के लिए पांच से अधिक लोगों के जुटने, धरना, प्रदर्शन और साउंड सिस्टम पर रोक लगा दी  गई है। रैली स्‍थल पर पानी भरवा दिया गया है। मीनार-ए-पाकिस्तान लॉन में भी पानी भरवा दिया गया है, जहां पर रविवार को रैली की जानी है। इस बीच सरकार ने विपक्षी दलों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है, लेकिन विपक्ष ने इसे ठुकरा दिया है।

 

PDM प्रमुख मौलाना  रहमान के ख‍िलाफ जांच शुरू
पाकिस्तान में रविवार को विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) की सरकार विरोधी प्रस्तावित रैली से कुछ ही घंटे पहले राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने मौलाना फजलुर रहमान के खिलाफ अवैध तरीके से कीमती जमीन खरीदने की जांच शुरू कर दी है। जियो न्यूज के मुताबिक, आरोप है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सामान्य परिवहन सेवा विभाग को बंद करने के बाद 64 कनाल जमीन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल (जेयूआइ-एफ) के प्रमुख रहमान को दे दी। एनएबी सूत्रों ने बताया है कि 1.40 करोड़ रुपये कीमत की जमीन अवैध तरीके से महज 40 लाख रुपए में दी गई। लेकिन जांच के समय को लेकर जेयूआइ-एफ ने सवाल उठाए हैं।

 

 सरकार के ताबूत में आखिरी कील होगी लाहौर रैलीः बिलावल
उधर, पुलिस ने फिर दोहराया है कि रैली पर आतंकी हमला हो सकता है। इधर पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो ने कहा है कि लाहौर रैली में ताकत दिखाए जाने के बाद कठपुतली प्रधानमंत्री इमरान खान अकेले रह जाएंगे। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान में 11 दलों के विपक्षी संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की पांच रैली होने के बाद लाहौर की छठी रैली सरकार के ताबूत में आखिरी कील होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता की भावनाओं के सामने ज्यादा समय तक गलत तरीकों से खड़ा नहीं हुआ जा सकता। लाहौर रैली से सरकार के विरोध में चल रहा हमारा अभियान का पहले चरण में समाप्त हो जाएगा। अभियान का दूसरा दौर शुरू होते ही सरकार का बोरिया विस्तार बंध जाएगा।

 

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