परिवार की एक गलती की वजह से मारा गया था ओसामा बिन लादेन, 11 साल बाद आतंकवाद पर फिर हुआ सबसे बड़ा हमला

Edited By Anil dev,Updated: 02 Aug, 2022 11:11 AM

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की कि अफगानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले में अल-कायदा का सरगना अयमान अल-ज़वाहिरी मारा गया है। ज़वाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था।

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की कि अफगानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले में अल-कायदा का सरगना अयमान अल-ज़वाहिरी मारा गया है। ज़वाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था। अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने व्हाइट हाउस में सोमवार शाम एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिकी खुफिया विभाग को ज़वाहिरी के उसके काबुल स्थित घर में अपने परिवार के साथ छिपे होने की जानकारी मिली थी। बाइडन ने अभियान के लिए पिछले सप्ताह अनुमति दी थी और इसे रविवार को अंजाम दिया गया। अमेरिका पर 9/11 हमलों की साजिश अल-ज़वाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी। 

2011 में अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान के एबटाबाद में मौजूद खूंखार आतंकी को उसके खु्फिया घर में घुसकर मार गिराया। इस अभियान के करीब 11 साल बाद ओसामा की मौत से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। वैसे तो अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए कई सालों से ओसामा बिन लादेन के ठिकानों का पता लगाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अंत में वह अपने परिवार की एक गलती की वजह से अमेरिका के हत्थे चढ़ा। 

दरअसल,  एक नई किताब 'द राइज एंड फॉल ऑफ ओसामा बिन लादेन' के अनुसार घर के आंगन में सूखते कपड़ों से CIA को लादेन की पहचान करने और उसे मारने में मदद मिली थी। यह किताब सीएनएन के राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक और पूर्व सीएनएन प्रोड्यूसर पीटर बर्गन ने लिखी है। मीडिया रिपोर्ट्स में किताब के हवाले से बताया गया है कि ओसामा बिन लादेन 9/11 का मुख्य साजिशकर्ता था और हमले के बाद वह अमेरिका के निशाने पर आ गया था। ओसामा अमेरिकी एजेंसियों से बचने के लिए सुरक्षित ठिकाना तलाश रहा था, जिसकी वजह से वह अपनी तीन पत्नियां और परिवार से बिछड़ गया। कहा जाता है कि अफगानिस्तान के पहाड़ों और उत्तरी पाकिस्तान में छिपे लादेन को अपने परिवार के बिखरने का काफी दुख था। इसलिए उसने अपने बॉडीगार्ड इब्राहिम सईद अहमद अब्द अल-हामिद को पाकिस्तान के एबटाबाद में जमीन खरीदने और एक खुफिया घर बनाने के लिए कहा। लादेन के कहने पर एबटाबाद में एक तीन मंजिला घर बनकर तैयार हुआ। 

किताब में बताया गया है कि लादेन के परिवार के सदस्यों ने 2005 में उस मकान में आना-जाना शुरू किया और बाद में सभी उसी घर में रहने लगे। बॉडीगार्ड भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ हर रोज उस घर में आता था, लेकिन परिसर में ही बने एक दूसरे घर में रहता था। 2010 में एक दिन पेशावर में सीआईए के एक मुखबिर ने कथित तौर पर बॉडीगार्ड इब्राहिम को बाजार की भीड़ में देखा। किताब के मुताबिक अगस्त में उसकी कार का पीछा करते हुए सीआईए आखिरकार लादेन के खुफिया घर तक जा पहुंची, जहां उसकी तीन पत्नियां, आठ बच्चे और चार पोते-पोतियां रह रहे थे। इस मकान में ऐसी कई चीजें थीं जिसे देखकर सीआईए का शक बढ़ता गया, खासकर किसी फोन लाइन और इंटरनेट का न होना और घर में कम खिड़कियां होना। लादेन के घर में रहने वालों पर नजर रखने के लिए सीआईए ने उस मकान के आसपास अपना बेस बनाया। 

इस बीच उस घर के आंगन में सुखाए जाने वाले कपड़ों ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी का शक और ज्यादा पुख्ता कर दिया। दरअसल, एजेंसी ने देखा कि हर सुबह घर के आंगन में महिला-पुरुषों के पारंपरिक पाकिस्तानी कपड़े, बच्चों के डायपर और कई अन्य कपड़े सुखाए जा रहे थे। इससे अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि घर में एक पुरुष, कई महिलाएं और कम से कम नौ बच्चे थे। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को यह सबूत दिखाए गए और उन्होंने हमले का आदेश दिया। अंत में मई 2011 को अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज के ऑपरेशन के बाद ओसामा बिन लादेन की मौत की घोषणा कर दी गई।

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