Edited By ,Updated: 30 Dec, 2016 11:51 AM
अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव को हैकिंग के माध्यम से प्रभावित करने के मामले में कड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार को रूसी खुफिया एजेंसियों...
वॉशिंगटन:अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव को हैकिंग के माध्यम से प्रभावित करने के मामले में कड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार को रूसी खुफिया एजेंसियों एवं इनके टॉप अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया।
अमरीका ने जैसे ही 35 रूसी अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया वहीं रूस ने भी पलटवार करते हुए कल्चरल प्रोग्राम होस्ट करने और इंग्लिश लैंग्वेज पढ़ाने वाले 28 अमरीकी संस्थानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है।अमरीका के मुताबिक, यह कूटनीतिक रिश्तों पर प्रहार है।इससे पहले अमरीकी विदेश विभाग ने वॉशिंगटन स्थित रूसी दूतावास और सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास से 35 राजनयिकों को निकाल दिया था।इनको और इनके परिवार से 72 घंटे के भीतर अमरीका छोड़ने के लिए कहा गया है।इन राजयनिकों को ‘अपनी राजनयिक स्थिति के प्रतिकूल ढंग से’ काम करने की वजह से अस्वीकार्य घोषित कर दिया गया है।
ओबामा ने कहा कि अमरीका के मैरीलैंड और न्यूयॉर्क में स्थित दो रूसी सरकारी परिसरों तक अब रूस के लोगों की पहुंच नहीं होगी।सायबर हमले के मामले में ओबामा प्रशासन ने यह अब तक सबसे सख्त कदम उठाया है।हवाई में छुट्टियां मना रहे ओबामा ने एक बयान में कहा,‘सभी अमरीकियों को रूस की कार्रवाइयों को लेकर सजग होना चाहिए।इस तरह की गतिविधियों के परिणाम गंभीर होते हैं।’
ओबामा ने रूस की दो खुफिया सेवाओं जीआरयू और एफसबी के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है।जीआरयू का सहयोग करने वाली कंपनियों को भी प्रतिबंधित किया गया है। रुसी अधिकारियों ने ओबामा प्रशासन के इस आरोप से इंकार किया है कि रूस की सरकार अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही थी।अमरीकी खुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची हैं कि रूस का मकसद डोनॉल्ड ट्रंप की जीत सुनिश्चित करना था।ट्रंप ने एजेंसियों के इस आंकलन को हास्यास्पद करार दिया है।