Edited By Tanuja,Updated: 26 Jul, 2021 04:48 PM
चीन के बढ़ते दबाव के बीच ताइवान ने इसके सैन्य व साइबर हमलों का मुकाबला करने की तैयारी शुरू कर दी है। ताइवान के साइबर सुरक्षा ...
इंटरनेशनल डेस्कः चीन के बढ़ते दबाव के बीच ताइवान ने इसके सैन्य व साइबर हमलों का मुकाबला करने की तैयारी शुरू कर दी है। ताइवान के साइबर सुरक्षा प्रमुख ने बताया कि हर महीने दो करोड़ से चार करोड़ के बीच साइबर हमले हो रहे हैं जिनसे मुकाबला करने के लिए दो दर्जन से अधिक विशेषज्ञों की तैनाती की गई है । उन्होंने कहा कि ये विशेषज्ञ इन हमलों को रोकने में मदद कर रहे हैं। ताइवान ने कहा है कि वह ज्यादातर साइबर हमलों को रोकने में सफल रहा है लेकिन फिर भी इनमें से कुछ हमले सरकार के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।
साइबर सुरक्षा के प्रमुख चिएन हंग वेई ने कहा कि हमारे देश में बुनियादी ढांचे में गैस, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं डिजीटल हैं इसीलिए राष्ट्रपति त्साई इंव वेन ने इस समस्या को राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला घोषित किया हुआ है। उन्होंने कहा कि हम साइबर हमलों से सुरक्षा की पूरी तैयारी कर रहे हैं। दरअसल चीन ताइवान को अपना भूभाग मानता है। वह इस पर बलपूर्वक कब्जे की धमकी भी दे चुका है। वहीं ताइवान चीन की इस नीति का पुरजोर विरोध करता रहा है।
बता दें कि चीन अक्सर ताइवान को डराने की कोशिश करता है। उसके लड़ाकू विमान कई बार ताइवान के क्षेत्र में घुसपैठ कर चुके हैं। हाल ही में जापान के उप प्रधानमंत्री तारो असो ने कहा था कि यदि चीनी सेना हमला करती है तो जापान और अमेरिका को मिलकर ताइवान की रक्षा करनी चाहिए। जापान के इस बयान पर बौखलाए चीन ने चीन ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। चीन का कहना था कि जापान को इतिहास से सबक लेना चाहिए। हम किसी भी देश को ताइवान के मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देंगे।