कोरोना महामारी के बीच इस देश में रोज सजता है चमगादड़ का मांस बेचने वाला ये बाजार

Edited By Chandan,Updated: 16 May, 2020 08:37 PM

amidst the corona epidemic this market sell bat meat daily

दुनिया में कोरोना वायरस फैलने के बाद मांस खाने वाले देश कई तरह के मांस, मीट या जानवरों को खाने से तौबा कर चुके हैं। कोरोना का असर यहां तक दिखा कि खुद चीन ने डॉग मीट खाने पर अप्रैल में बैन लगा दिया।

नई दिल्ली/डेस्क। दुनिया में कोरोना वायरस फैलने के बाद मांस खाने वाले देश कई तरह के मांस, मीट या जानवरों को खाने से तौबा कर चुके हैं। कोरोना का असर यहां तक दिखा कि खुद चीन ने डॉग मीट खाने पर अप्रैल में बैन लगा दिया।

चमगादड़ को खाने वालों को भी जब यह सच पता लगा कि चमगादड़ में 15 हजार से ज्यादा वायरस होते हैं तो उन लोगों ने भी इसे खाना छोड़ दिया। लेकिन इंडोंनेशिया के बाजारों में अभी भी चमगादड़ का मांस बेचा रहा है।

इंडोनेशिया का मांस बाजार
यहां के पुराने बाजारों में अभी भी पालतू से लेकर जंगली जानवर खाए जाते हैं। इन बाजारों में सब्जियों के साथ ही मांस बेचा जाता है। यहां चमगादड़ का मांस भी बेचा जाता है। यहां का तोमोहोन एक्सट्रीम मार्किट में सुलावेसी द्वीप से चमगादड़ के अलावा सांप, चूहे, छिपकलियां आदि लाए और बेचे जाते हैं।

यानी अभी भी इन बाजारों में कई तरह के वायरस लाए और बेचे जाते हैं। हालांकि इन बाजारों में मांस की बिक्री पर रोक लगाने के लिए इंडोनेशिया के वायरस टास्क फोर्स के लीड एक्सपर्ट ने बिक्री पर बैन लगाने के लिए शिकायत की है।

कोरोना का कहर
यह भी बता दें कि यहां कोरोना का कहर बना हुआ है उसके बाद भी ऐसे बाजार फल-फूल रहे हैं। यहां अब तक 16 हजार से ज्यादा मामले कोरोना संक्रमित दर्ज किए जा चुके हैं। जबकि यहां 1 हजार से ज्यादा मौतें अब तक हो चुकी हैं।

जानवरों से सजा है ये बाजार
इन बाजार में 120 कसाई की दुकानें हैं। यहां चमगादड़ों के अलावा चूहे, बिल्लियां, छिपकली, मेढ़क और यहां तक कि 20 फीट तक लंबे पायथन तक मिलते हैं। इतना ही नहीं यहां कुत्तों का ताजा मांस खाया जाता है इसलिए यहां कुत्ते मार कर नहीं रखे जाते। उन्हें पिंजरों में बंद रखा जाता है और ग्राहक के आने पर उसे बेचा जाता है।

स्थानीय लोगों की सोच
दरअसल, इसके पीछे स्थानीय लोगों की सोच है जो बाजार को गुलजार रखे हुए हैं। ये लोग मानते हैं कि इन जानवरों के मांस से उनकी बीमारियां ठीक होती हैं। ये लोग मानते हैं कि जंगली पशुओं में मेडिसिनल गुण होते हैं और वो इन्हें खा कर ठीक हो सकते हैं। बताया जाता है कि इंडोनेशिया में चमगादड़ को खाने से अस्थमा ठीक हो सकता है, इसलिए अभी तक यहां चमगादड़ खाया जाता है।

ये अकेला बाजार नहीं है
कमाल की बात तो यह है कि इस तरह के इंडोनेशिया में 6 बड़े बाजार और हैं जो जानवरों के मांस से भरे पड़े हैं। इन्हें कोरोना महामारी के बाद बंद करने की कोशिश भी हुई लेकिन ये बंद नहीं हुए। हालांकि इनके खुलने के घंटों में कटौती जरूर हुई थी। स्थानीय लोग चमगादड़ और कुत्तों का मांस परंपरागत रूप से खाते आ रहे हैं और उनका मानना है कि कोरोना का इनसे कोई सम्बंध नहीं है।

 

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