Edited By Isha,Updated: 27 Jun, 2018 09:52 AM
अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने म्यामां के सैन्य प्रमुख और अन्य शीर्ष अधिकारियों पर रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ ‘‘ सुनियोजित ’’ हमले को लेकर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया
न्यूयॉर्कः अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने म्यामां के सैन्य प्रमुख और अन्य शीर्ष अधिकारियों पर रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ ‘‘ सुनियोजित ’’ हमले को लेकर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया है। मानवाधिकार समूह की एक रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत में मुकदमा चलाने का आज आह्वान किया गया है।
सेना की कार्रवाई के बाद 700,000 से ज्यादा रोङ्क्षहग्या मुस्लिमों को रखाइन प्रांत छोड़कर जाना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र ने इसे ‘‘ जातीय सफाया ’’ बताया था। म्यामां सेना ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की बात से इनकार किया और कहा कि वह मुस्लिम आतंकवादियों के खिलाफ अपनी रक्षा कर रही थी जिन्होंने अगस्त 2017 में पुलिस चौकियों पर हमला किया। हालांकि एमनेस्टी की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कमांडर इन चीफ मिन आंग हाइंग और 12 अन्य वरिष्ठ सैन्य एवं सुरक्षा अधिकारियों की देखरेख में अशांत प्रांत में हिंसा का अभियान चलाया गया।
एक निर्मम और सुनियोजित अभियान चलाकर रोहिंग्या आबादी का जातीय सफाया किया गया जिसमें म्यामां सुरक्षा बलों ने बच्चों समेत हजारों रोङ्क्षहग्या लोगों की गैरकानूनी तरीके से हत्या की। उसने सुरक्षाबलों पर यौन ङ्क्षहसा , प्रताडऩा , जबरन विस्थापन और बाजारों तथा खेतों को जलाने का भी आरोप लगाया जिसके चलते रोहिंग्या लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। ये अपराध अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मानवता के खिलाफ अपराध हैं।