Edited By rajesh kumar,Updated: 24 Jul, 2020 04:09 PM
अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने अफगानिस्तान के सिखों एवं हिंदुओं को शरणार्थी का दर्जा देने के लिए भारत की प्रशंसा की और ट्रंप प्रशासन से इस युद्धग्रस्त देश के सताए धार्मिक अल्पसंख्यों के लिए भारत जैसी ही व्यवस्था करने की अपील की है।
वाशिंगटन: अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने अफगानिस्तान के सिखों एवं हिंदुओं को शरणार्थी का दर्जा देने के लिए भारत की प्रशंसा की और ट्रंप प्रशासन से इस युद्धग्रस्त देश के सताए धार्मिक अल्पसंख्यों के लिए भारत जैसी ही व्यवस्था करने की अपील की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान में ‘बाहरी समर्थकों’ के इशारे पर आतंकवादियों द्वारा हाल में हिंदुओं और सिखों के खिलाफ हमले बढ़ गए हैं और भारत इन समुदायों के उन सदस्यों को जरूरी वीजा उपलब्ध करा रहा है जो वहां से आना चाहते हैं।
'हमें इन समुदायों के सदस्यों से अनुरोध प्राप्त हो रहे'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, हमें इन समुदायों के सदस्यों से अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। वे भारत आना चाहते हैं, यहां रहना चाहते हैं और कोविड की मौजूदा स्थिति के बावजूद, हम उनके अनुरोधों को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत आकर बसना चाहते हैं, उनके देश पहुंचने के बाद, उनके अनुरोधों को जांचा जाएगा और मौजूदा नियमों एवं नीतियों के आधार पर उनपर काम किया जाएगा। भारत के इस कदम पर प्रतिक्रिया करते हुए, अमेरिकी सांसद जिम कोस्टा ने एक ट्वीट में कहा, यह आतंकवादियों के हाथों आसन्न बर्बादी से अफगानिस्तान के हिंदुओं एवं सिखों को बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
'मुझे खुशी है कि भारत ने उन्हें शरण दी'
कोस्टा ने न्यूयॉर्क टाइम्स से एक खबर का संदर्भ देते हुए कहा, “मुझे इस बात की खुशी है कि भारत ने उन्हें शरण दी है लेकिन लंबे वक्त तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और किए जाने की जरूरत है। मैं अधिक स्थायी समाधानों की वकालत करना जारी रखूंगा जो इन परिवारों को सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और उज्ज्वल भविष्य दे। अप्रैल में, सांसद ने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को पत्र लिख कर अफगानिस्तान के हिंदुओं एवं सिखों के लिए इसी तरह का शरणार्थी दर्जा मांगा था।
'भारत, यूरोप या उत्तर अमेरिका चले गए'
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी खबर में विदेश मंत्रालय का बयान प्रकाशित किया है कि भारत ने अफगानिस्तान में सुरक्षा खतरों का सामना कर रहे अफगान हिंदू एवं सिख समुदाय सदस्यों के भारत लौटने को सुगम बनाने का फैसला किया है। समाचार पत्र के मुताबिक, अफगानिस्तान में हिंदू एवं सिखों की संख्या अगर लाखों में न सही,कभी दसियों हजार थी। उनके कारोबार पूरी तरह स्थापित थे और उन्हें सरकार में ऊंचे ओहदे मिले हुए थे। लेकिन दशकों से चले आ रहे युद्ध एवं प्रताड़ना के कारण लगभग सभी भाग कर भारत, यूरोप या उत्तर अमेरिका चले गए।