Edited By Tanuja,Updated: 24 Oct, 2020 09:53 AM
पाकिस्तान में विपक्षी गठबंध की सरकार विरोधी रैलियों के बाद राजनीतिक भूचाल आया हुआ है। सिंध प्रांत में पुलिस प्रमुख (IG) ks अपहण को लेकर सेना और पुलिस आमने् -सामने आ गए हैं...
इस्लामाबादः पाकिस्तान में विपक्षी गठबंध की सरकार विरोधी रैलियों के बाद राजनीतिक भूचाल आया हुआ है। सिंध प्रांत में पुलिस प्रमुख (IG) ks अपहण को लेकर सेना और पुलिस आमने् -सामने आ गए हैंं जिस कारण यहां टकराव और तनाव बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी रेंजर्स के सिंध प्रांत के IG मुश्ताक मेहर के अपहरण और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N ) के नेता सफदर अवान की गिरफ्तारी के पीछे देश के इमरान सरकार आंतरिक मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह का हाथ सामने आया है।
इसकी पुष्टि तब होती दिखी जब मंत्री इजाज शाह पाकिस्तानी रेंजर्स की कार्रवाइयों का बचाव करते दिखे। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी राजनेता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्रीय संस्थानों को निशाना बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। गौरततलब है कि सिंध के आईजी पर पीएमएल-एन के नेता सफदर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मंत्री इजाज शाह ने दबाव बनाया था। क्योंकि पूरे विवाद की जड़ पाकिस्तानी रेंजर्स सीधे आंतरिक मंत्रालय के अधीन कार्य करते हैं। बता दें कि पाकिस्तान सरकार और सेना हाल ही में कराची की घटना को लेकर कड़ी आलोचना झेल रही हैं।
नवाज शरीफ के दामाद की गिरफ्तारी का दबाव बनाने के बाद सिंध प्रांत के IG के अपहरण से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक लड़ाई छिड़ गई है, जिससे देश में बड़ा संकट खड़ा हो गया है। सेना और पुलिस ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बीच पाकिस्तान की एंटी करप्शन बॉडी ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ नया मामला दर्ज करने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिन पहले ही अधिकारियों से भ्रष्टाचार के मामलों को जल्द से जल्द निपटाने का अनुरोध किया था।
हाल में इमरान ने भाषण में कहा था कि विपक्षियों को अब ‘अलग मिजाज वाले इमरान खान’ का सामना करना पड़ेगा। उनके इस बयान को और विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी और अदालतों में मुकदमे चलाने की चेतावनी के तौर पर देखा गया था। उन्होंने अधिकारियों से भ्रष्टाचार के मामलों का तेजी से निपटान करने का भी अनुरोध किया था। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के सुप्रीमो 70 वर्षीय नवाज शरीफ को 2017 में भ्रष्टाचार के आरोपों में सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य करार दे दिया था, जिसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। वह फिलहाल इलाज के लिए लंदन में हैं।