Edited By ,Updated: 20 Feb, 2015 12:29 AM
विश्वविद्यालय के एक दल ने इस बात का सबूत पाया है कि 3.2 अरब साल पहले जीवन हवा में मौजूद नाइट्रोजन को ग्रहण कर रहा था और उसे एक रसायन में बदल रहा था, जिसमें विभिन्न प्राणियों के समर्थन की क्षमता थी।
वाशिंगटन. विश्वविद्यालय के एक दल ने इस बात का सबूत पाया है कि 3.2 अरब साल पहले जीवन हवा में मौजूद नाइट्रोजन को ग्रहण कर रहा था और उसे एक रसायन में बदल रहा था, जिसमें विभिन्न प्राणियों के समर्थन की क्षमता थी। माना जाता है कि लगभग दो अरब साल पहले व्यापक तौर पर जीवन का समर्थन करने के लिए वायुमंडलीय नाइट्रोजन के इस्तेमाल की क्षमता का विकास हुआ था।
अध्ययन के सह लेखक तथा पृथ्वी एवं अंतरिक्ष विज्ञान के प्रोफेसर रोजर बुइक ने कहा कि निष्कर्ष में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरंभिक पृथ्वी पर नाइट्रोजन की कोई कमी नहीं थी और इसीलिए यह व्यापक तौर पर जीवमंडल का समर्थन कर सका होगा। परिणाम के लिए शोध दल ने दक्षिण अफ्रीका तथा ऑस्ट्रेलिया से पाए गए 52 नमूनों (चट्टानों) का अध्ययन किया, जो 2.75 तथा 3.2 अरब साल पुराने थे। चट्टानों में मौजूद नाइट्रोजन-फिक्सिंग एंजाइमों के अनुवांशिक अध्ययन के दौरान यह बात सामने आई कि उनकी उत्पत्ति 1.5 तथा 2.2 अरब सालों के बीच हुई थी। यह अध्ययन पत्रिका नेचर में प्रकाशित हुआ है।