Edited By ,Updated: 27 Feb, 2015 10:34 PM
मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोग अगर पर्याप्त मात्रा में समुद्री मछलियों का सेवन करें और बाहरी गतिविधियों के लिए रोजाना थोड़ा वक्त निकालें तो उनकी स्थिति में सुधार हो सकता है...
न्यूयॉर्क. मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोग अगर पर्याप्त मात्रा में समुद्री मछलियों का सेवन करें और बाहरी गतिविधियों के लिए रोजाना थोड़ा वक्त निकालें तो उनकी स्थिति में सुधार हो सकता है, क्योंकि यह मस्तिष्क में मौजूद रसायन सेरोटोनिन के स्तर को प्रभावित करता है। नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
अध्ययन के मुताबिक मस्तिष्क संबंधी कई रोग जैसे ऑस्टिन स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर (एएसडी), अटेंशन हाइपर एक्टिविटी डिसॉर्डर (एडीएचडी), बाइपोलर डिसॉर्डर, सिजोफ्रेनिया तथा डिप्रेशन में सेरोटोनिन का स्तर मस्तिष्क में कम हो जाता है। चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल ऑकलैंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएचओआरआई) की रोंडा पैट्रिक ने कहा कि अध्ययन में हमने पाया है कि सेरोटोनिन किस तरह आवेग नियंत्रण, सेंसरी गेटिंग तथा व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पैट्रिक ने कहा कि हमने सेरोटोनिन के उत्पादन व कार्य को विटामिन डी तथा ओमेगा-3 फैट्टी एसिड से संबद्ध किया है। ये सूक्ष्म पोषक तत्व मस्तिष्क को कार्य करने में उसकी मदद करते हैं और इस प्रकार हमारा स्वभाव नियंत्रित होता है। विटामिन डी का निर्माण शरीर की त्वचा सूरज की रोशनी में स्वाभाविक तौर पर करती है, इसलिए थोड़ी देर धूप सेंकना भी मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है।