Edited By ,Updated: 10 Apr, 2015 09:23 PM
केवल भारत में ही महिलाओं के प्रति गलत सोच नहीं रखी जाती बल्कि अमेरिकन और यूरोपियन देशों के लोगों की सोच और ...
नई दिल्ली: केवल भारत में ही महिलाओं के प्रति गलत सोच नहीं रखी जाती बल्कि अमेरिकन और यूरोपियन देशों के लोगों की सोच और विचारों में बेहद संर्कीणता है. जबकि इन देशों को प्रगतिशील सोच के पक्षधर समझे जाते हैं, लेकिन आपको बता दें कि यह सिर्फ एक धारणा भर ही है। अमेरिका में रहने वाली एरिका एलिस एग्रलि ने फेसबुक पर अपनी बहन की एक तस्वीर शेयर की है और लिखा है कि मेरी बहन को स्कूल से इसलिए घर वापस भेज दिया गया क्योंकि स्कूल का मानना है कि इस तरह के पहनावे से गलत संदेश जाएगा।
एरिका एलिस एग्रलि की छोटी बहन मैसी एग्रलि लांग शर्ट और लेगी पहन कर गईं थी जिस पर स्कूल को आपत्ति हुई और उन्होनें मैसी एग्रलि को वापस घर भेज दिया। सवाल फिर वही है कि आखिर यह बार-बार क्यों कहा जाता है कि महिलाओं के कपड़े से लोग भड़क सकते हैं? क्या पुरूषों के पहनावे पर कभी लगाम लगाने की बात सामने नहीं आती या फिर उनके पहनावे से महिलाएं भड़कती हों?
यहां जरूरत है तो लोगों को अपनी सोच बदलने की, पहनावा बदलने से बलात्कार जैसे अपराध नहीं रुक सकते जबतक कि समाज की कुंठित सोच और विकृत मानसिकता नहीं बदली जा सकती।