Edited By ,Updated: 30 Apr, 2015 12:29 AM
नेपाल में भूकंप प्रभावितों ने इच्छा जताई है कि भारत की ओर से मिलने वाली सहायता राशि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी...
काठमांडू: नेपाल में भूकंप प्रभावितों ने इच्छा जताई है कि भारत की ओर से मिलने वाली सहायता राशि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुरू की गई जन धन योजना जैसी ही किसी योजना के जरिए नेपाल आए वरना नेपाल के भ्रष्ट नेता और अफसर इस पैसे को मिलकर डकार जाएंगे और सहायता राशि का 20 प्रतिशत हिस्सा भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाएगा।
प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में भारत की ओर से तत्काल भेजी गई मानवीय सहायता ने वहां लोगों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता इस कदर बढ़ा दी है कि वह अब उनकी प्रशासनिक क्षमता के कायल हो गए हैं और चाहते हैं कि नेपाल के लिए सहायता धन जन योजना जैसी ही किसी योजना के जरिए आए क्योंकि मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना पूरी तरह पारदर्शी है और इसके जरिए लाभार्थियों तक आर्थिक मदद बिना अड़चन के पहुंच सकेगी।
राहत कार्यों की खोज खबर लेने पहुंचे भारतीय पत्रकारों ने जब भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में लोगों से बात की तो उन्होंने भारत की ओर से दी गई तुरंत मदद के लिए मोदी का आभार जताया और कहा कि वह एक सक्षम प्रशासक हैं। उन्होंने नेपाल के लिए जो कुछ किया है उसे सदियों तक भुलाया नहीं जा सकता। लोगों ने कहा कि भारत में मोदी ने आम लोगों की मदद के लिए जो जन धन योजना शुरू की है, वह एक बेहतरीन प्रयास है। इससे सबके पास बैंक खाते होंगे और किसी भी तरह की आर्थिक मदद सीधे उनके खातों में पहुंच सकेगी तथा बिचौलिये इसका हिस्सा नहीं मार सकेंगे।
शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप के कारण नेपालवासी आज लगातार चौथे दिन भी भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं लेकिन संकट की इस घड़ी में भी उनमें भारत की ओर से पहुंचाई गई सहायता को लेकर खुशी और तसल्ली दिखाई दे रही है। इस मदद के लिए हर किसी की जुबान पर मोदी का नाम है। हजारों की सख्या में लोगों ने मोदी को ट््वीट कर उन्हें धन्यवाद दिया है। मोदी ने इसके जवाब में नेपाल के लोगों की जीवटता को नमन करते हुए कहा है कि भारत की ओर से मिली सहायता के लिए जो लोग उन्हें थैंक्यू पीएम ...कह रहे हैं, उनकी भावनाओं का वह सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा असल धन्यवाद तो हमारी महान संसंस्कृति को देना चाहिए, जिसने हमें ’सेवा परमो धर्म’ की शिक्षा दी है। अगर हमें किसी को धन्यवाद देना है तो वह 125 करोड़ भारतीयों को देना चाहिए, जिन्होंने नेपाल की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझा और जो सभी तरह की सहायता मुहैया करा रहे हैं। मैं अपनी सशस्त्र सेनाओं, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), डॉक्टरों और नेपाल में सभी बाधाओं के बावजूद सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कार्य कर रहे स्वैछिक कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं।
मैं उन उत्साहित लोगों का धन्यवाद करना चाहता हूं, जो धन, संसाधन या दवाई आदि के रूप में राहत कार्यों में सहायता दे रहे हैं। मीडिया भी इस आपदा की साहसपूर्ण खबरें देने के लिए प्रशंसा का पात्र है।’’ भारत ने अपनी ओर से चिकित्सा दल के अलावा आवश्यक सामग्रियों के साथ ही बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कर्मी नेपाल भेजे हैं। उन्होंने वहां के लोगों को सांत्वना देते हुए कहा कि वे त्रासदी और परीक्षा की घड़ी में अकेले नहीं हैं तथा भारत उनकी राहत एवं बचाव के लिए सब कुछ करेगा।