कोर्ट का अजब फैसला, टैटू बनवाने पर मां को बच्चे को दूध पिलाने से रोका!

Edited By ,Updated: 19 Jun, 2015 04:59 PM

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ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने टैटू बनवाने वाली महिलाओं को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसके तहत एक मां को अपने नवजात को दूध पिलाने से रोक दिया गया।

सिडनी: ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने टैटू बनवाने वाली महिलाओं को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसके तहत एक मां को अपने नवजात को दूध पिलाने से रोक दिया गया। इसके पीछे कोर्ट का तर्क है कि मां ने शरीर पर टैटू बनवा रखे हैं, जिससे बच्चे की सेहत को खतरा हो सकता है, जोकि गलत है। 

 
ऑस्ट्रेलिया की फेडरल सर्किट कोर्ट के जज मैथ्यू मायर्स ने मामले का गंभीरता से अध्ययन करते हुए यह फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि महिला के हाथ और पैर में जो टैटू बनाए गए हैं उससे बच्चे को एचआईवी का खतरा हो सकता है। इसलिए किसी भी स्थिति में मां को बच्चे को दूध नहीं पिलाना चाहिए। हालांकि, मां की एचआईवी रिपोर्ट निगेटिव आई है लेकिन उसे ये टैटू बनवाए अभी तीन महीने भी नहीं हुए। इसलिए इसके खतरे से इंकार नहीं किया जा सकता। ये बच्चा तो सिर्फ 11 महीने का ही है। 
 
जज ने अपने फैसले को बल देने के लिए ऑस्ट्रेलियन ब्रेस्टफीडिंग एसोसिएशन की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। वहीं एसोसिएशन ने इस फैसला को निराशाजनक बताया है। उनका कहना है कि ये फैसला महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग से हतोत्साहित कर सकता है। महिलाओं को सावधान रहना चाहिए, लेकिन खुद को चादर में लपेटने की जरूरत नहीं हैं। इस फैसले से बच्चे की मां, ही नहीं हैल्थ एक्सपर्ट भी हैरान हैं। मां की अपील पर सिडनी की फैमिली कोर्ट में शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी। 

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