Edited By ,Updated: 28 Jun, 2015 03:34 PM
पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे हमलों से परेशान करीब 200 डॉक्टर भाग कर गुजरात आ गए हैं और अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए कोई जूते बेच रहा है
अहमदाबाद: पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे हमलों से परेशान करीब 200 डॉक्टर भाग कर गुजरात आ गए हैं और अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए कोई जूते बेच रहा है, कोी दुकान में काम कर रहा है, तो कोई अस्पताल में गार्ड की ड्यूटी कर अपनी जिंदगी काट रहा है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के इन डॉक्टर्स के पास डिग्री है लेकिन वे भारत में प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, कराची यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की परीक्षा पास करने के बाद दशरथ(38) ने साल 2001 में बतौर डॉक्टर अपना करियर शुरू किया था। पाकिस्तान में उनकी सैलरी 25 हजार रुपए महीना थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से वह 2006 में पाकिस्तान से भागकर अहमदाबाद में रहने लगे। आज वे गुजरात के मणिनगर में अपने चचेरे भाई की जूतों की दुकान पर असिस्टेंट के तौर पर नौकरी कर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।
46 साल के डॉक्टर जयराम लोहाना की कमाई सिंध में जहां एक लाख रुपए महीना थी, वहीं 2012 में अहमदाबाद आने के बाद वे एक रिश्तेदार की मोबाइल शॉप पर काम करने लगे। लोहाना का कहना है कि हम आतंकवादियों के डर से वहां से अपनी जान बचाकर यहां आए हैं, लेकिन यहां जिंदा रहने के लिए हमें नौकरी की भीख मांगनी पड़ रही है। अधिकतर पाकिस्तानी डॉक्टर सुरक्षा कारणों से गुजरात में आकर बसे हैं। उनका कहना है कि असामाजिक तत्वों द्वारा पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू परिवारों की बेटियों का अपहरण और अवैध वसूली जैसी घटनाएं सामान्य हैं।