Edited By ,Updated: 07 Sep, 2015 01:38 PM
तुर्की के समुद्री तट पर पड़े तीन साल के सीरियाई बच्चे के शव को देखकर शरणार्थियों के जद्दोजेहद से रू-ब-रू होने वाले यूरोपीय देशों ने भले ही मानवता के नाते तत्काल अपने दरवाजे खोल दिए...
विएना/म्यूनिख: तुर्की के समुद्री तट पर पड़े तीन साल के सीरियाई बच्चे के शव को देखकर शरणार्थियों के जद्दोजेहद से रू-ब-रू होने वाले यूरोपीय देशों ने भले ही मानवता के नाते तत्काल अपने दरवाजे खोल दिए लेकिन 2 दिन बाद ही उसने अपने हाथ पीछे खींचने पर विचार करना शुरू कर दिया है। हंगरी में फंसे शरणार्थियों को आस्ट्रिया और जर्मनी में आने देने के लिए आस्ट्रिया ने गत शनिवार को आपातकालीन कदम उठाते हुए अपनी सीमा पर की जाने वाले जांच स्थगित कर दी थी लेकिन उसने आज कहा कि अब वह इसे दोबारा शुरू करने पर विचार कर रहा है।
आस्ट्रिया ने साथ ही शरणार्थियों के लिए नियम में और भी ढील दी थी लेकिन अब वह इन पर पुनर्विचार कर रहा है। आस्ट्रिया ने आने देश के एक हाईवे पर हंगरी से आये एक लावारिस ट्रक में दम घुटने से मरे 71 लोगों के शवों को देखकर तथा बुडापेस्ट से आस्ट्रिया पहुंचने के लिए पैदल चलने वाले हजारों लोगों के कांरवे को देखते हुए जर्मनी के साथ शरणार्थियों की इस बाढ़ से निपटने के लिए बातचीत की थी। दोनों देश इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि वे उस नियम को नहीं मानेंगे , जिसके तहत शरणार्थियों पर यह पाबंदी थी कि वे यूरोपीय संघ के जिस सदस्य देश में सबसे पहले पहुंचेंगे , उन्हें वहां शरण का दावा करना होगा।
आस्ट्रिया के चांसलर वर्नर फेमन का कहना है कि जर्मनी की चांसलर एंजिला मर्केल के साथ की गयी विस्तृत चर्चा तथा हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद वे अब अपने इन निर्णयों पर दोबारा विचार कर रहे हैं। हंगरी के प्रधानमंत्री शरणार्थियों के लिए नियमों में दी गई ढिलाई के सख्त खिलाफ हैं। फेमन ने कहा,‘‘ हमने हमेशा कहा है कि यह आपात स्थिति है और हमें तत्काल कदम उठाना होगा। हमने 12 हजार से अधिक लोगों की मदद की है। अब हमें अपने आपात कदमों से धीरे धीरे सामान्य स्थिति की ओर कदम बढाने होंगे। ’’