Edited By Tanuja,Updated: 04 Nov, 2018 10:52 AM
पाकिस्तान में ईशनिंदा मामले में बरी की गई आसिया बीबी को लेकर इमरान सरकार व कट्टरपंथयियों के बीच समझौता होने के बावजूद आसिया के वकील ने अपनी जान के खतरे के डर से शनिवार तड़के पाकिस्तान छोड़ दिया...
पेशावरः पाकिस्तान में ईशनिंदा मामले में बरी की गई आसिया बीबी को लेकर इमरान सरकार व कट्टरपंथयियों के बीच समझौता होने के बावजूद आसिया के वकील ने अपनी जान के खतरे के डर से शनिवार तड़के पाकिस्तान छोड़ दिया। उन्होंने सरकार से अपने परिवार की सुरक्षा करने का आग्रह भी किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसके वकील सैफुल मलूक ने दावा किया है कि वकीलों के समूह से जान से मारने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि जान का खतरा होने कारण उनके लिए प्रैक्टिस करना मुश्किल हो रहा है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें सुरक्षा दी जाती है तो वह समीक्षा याचिका की सुनवाई के दौरान अपनी मुवक्किल की पैरवी करने के लिए पाकिस्तान वापस आएंगे। मलूक ने कहा, मेरा परिवार भी खतरे का सामना कर रहा है, सरकार को उन्हें सुरक्षा देनी चाहिए। इस बीच मामले के शिकायतकर्ता कारी मोहम्मद सलाम ने कोर्ट से आसिया बीबी को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका की जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में ईसाई महिला आसिया को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ सैकड़ों कट्टरपंथियों के नेतृत्व में कुछ दिनों से हो रहे विरोध प्रदर्शनों के रुकने के बाद शनिवार को स्थिति सामान्य हो गई है। सरकार के साथ हुए समझौते के बाद मामला शांत हो गया है। बता दें कि आसिया बीबी (47) को पड़ोसियों से झगड़े के बाद इस्लाम की निंदा के लिए 2010 में सजा सुनाई गई थी।
हालांकि वह खुद को बेकसूर बताती रही, लेकिन पिछले आठ साल में ज्यादातर वक्त कारावास में बिताया। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 31 अक्टूबर को पूर देश में प्रदर्शन शुरू हो गया था। इस्लामी राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-लबैक (TLP) पाकिस्तान और अन्य समूहों की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगाया था