Edited By Tanuja,Updated: 12 Oct, 2020 12:36 PM
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल ( FATF) की लिस्ट में शामिल होने के बाद से पाकिस्तान इससे निकलने के लिए विभिन्न पैंतरों को आजमा रहा । इसी कड़ी में ...
इस्लामाबादः वित्तीय कार्रवाई कार्य बल ( FATF) की लिस्ट में शामिल होने के बाद से पाकिस्तान इससे निकलने के लिए विभिन्न पैंतरों को आजमा रहा । इसी कड़ी में पाकिस्तान ने वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के पहरेदारों की वर्चुअल मीटिंग कराने का फैसला किया। पाकिस्तान ने पहले आतंकियों की लिस्ट जारी करने के बाद अब अमेरिकी लॉबिंग फर्मों पर पाकिस्तान ने भरोसा जताया है। हालंकि भारत का कहना है कि आतंकवाद को चोरी छिपे बढ़ावा देने वाले देश पाकिस्तान की कोई भी चाल काम नहीं आएगी। बताया जा रहा है कि इसी महीने ये मीटिंग होनी है।
इस पेंतरे की पोल खुलने पर FATF ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है। FATF की ग्रे सूची से निकले ने लिए पाकिस्तान को 39 देशों में से 12 देशों का समर्थन चाहिए। वहीं केवल अमेरिका 20 देशों के ब्लॉक को कण्ट्रोल करता है। ऐसे में पाकिस्तान अमेरिका के साथ काम करने की जुगत में हैं। भारत के एक अधिकारी का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन के साथ लॉबी करने के लिए टेक्सास स्थित लिंडन स्ट्रैटेजीज को पाकिस्तान सरकार ने काम पर रखा है। FATF की बैठक इसी महीने 21 से 23 अक्टूबर तक पेरिस में होने वाली है। इसके पहले पाकिस्तान ने खूंखार आतंकियों की एक सूची जारी की थी, जिसमे हाफिज सईद, मसूद अजगर और दाऊद इब्राहिम जैसे अपराधियों के नाम शामिल थे।
अब पाकिस्तान के ऊपर इन नामित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव है। लेकिन अपने आका चीन की मदद से FATF की ग्रे लिस्ट बच निकलने के पाकिस्तानी सपने को बड़ा झटका लगा है। FATF की क्षेत्रीय इकाई एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) ने टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगा पाने में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को 'Enhanced Follow-Up' में बरकरार रखा है। APG के इस कदम से पाकिस्तान के FATF के ग्रे लिस्ट में बने रहना निश्चित हो गया है। यही नहीं उस पर अब ब्लैक लिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक एपीजी ने पाया कि टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को खत्म करने के लिए FATF की ओर से दिए तकनीकी सुझावों को लागू करने में पाकिस्तान ने बहुत कम प्रगति की है। एपीजी की ओर से पाकिस्तान के मूल्यांकन की पहली फॉलो अप रिपोर्ट को जारी किया गया है।
इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने FATF की ओर से की गई 40 सिफारिशों में से केवल दो पर प्रगति की है। इस 12 पन्ने की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के सिफारिशों के पूरा करने में एक साल में कोई बदलाव नहीं आया है। इसको देखते हुए एपीजी ने घोषणा की है कि पाकिस्तान 'Enhanced Follow-Up'लिस्ट में बना रहेगा। साथ ही पाकिस्तान को 40 सुझावों को लागू करने की दिशा में किए गए प्रयासों की रिपोर्ट देनी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने कुछ सुझावों को लागू करने की दिशा में कुछ प्रगति की है।