Edited By Tanuja,Updated: 06 Apr, 2022 04:47 PM
मेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वे हाल ही में गठित सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस'' के तहत हाइपरसोनिक मिसाइल के निर्माण के लिए...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वे हाल ही में गठित सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस' के तहत हाइपरसोनिक मिसाइल के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे। तीनों देशों ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को लेकर जारी चिंताओं के बीच यह घोषणा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ऑकस की प्रगति पर विचार करने के बाद इस योजना की घोषणा की।
तीनों देशों ने यह गठबंधन बीते साल सितंबर में बनाया था। नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे हाइपरसोनिक, हाइपरसोनिक रोधी प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता पर एक नया त्रिपक्षीय सहयोग बनाने के साथ ही सूचना साझा करने की प्रक्रिया को विस्तार देने तथा रक्षा नवोन्मेष पर सहयोग को गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका, रूस और चीन सभी का ध्यान हाइपरसोनिक मिसाइल के विकास पर है। यह एक ऐसी तेज प्रणाली है, जिसे कोई भी मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणाली बीच में रोक नहीं सकती।
अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिली ने बीते साल अक्टूबर में इस बात की पुष्टि की थी कि चीन ने हाइपरसोनिक हथियार प्रणाली का परीक्षण किया है। मिली ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए एक साक्षात्कार में चीन के इस परीक्षण को बेहद अहम करार दिया था। साथ ही उन्होंने इस पर चिंता भी जताई थी। मॉरिसन ने कहा कि हाइपरसोनिक मिसाइलों का निर्माण ऑस्ट्रेलियाई सेना की लंबी दूरी की मारक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दो साल पहले जारी की गई रणनीतिक योजना के अनुरूप है।