Edited By Tanuja,Updated: 19 Jul, 2021 01:03 PM
समुद्री इलाकों में चीन की गतिविधियों से कई देश परेशान हैं। एशिया-प्रशांत और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रमकता के कारण सैन्य ...
सिडनीः समुद्री इलाकों में चीन की गतिविधियों से कई देश परेशान हैं। एशिया-प्रशांत और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रमकता के कारण सैन्य जासूसी बढ़ने से इन इलाकों में रणनीतिक दुश्मनी बढ़ती जा रही है और अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक और जापान से लेकर अफ्रीका तक सभी देश चीन को सबक सिखाने के मूड में हैं। चीन की एक संभावित हरकत को लेकर ऑस्ट्रेलिया पहले ही सतर्क हो गया है और उसने अपने समुद्री इलाके की सख्त निगरानी शुरू कर दी है। ऑस्ट्रेलिया को यकीन है कि एक चाइनीज जासूसी जहाज जरूर उसके क्वींसलैंड इलाके की ओर आने वाला है, इसलिए उसने उसपर नजर रखना शुरू कर दिया है।
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के मुताबिक चीन का जहाज उसके समंदर से बाहर ही रहकर युद्धाभ्यास को देखने की कोशिश कर सकता है। गौरतलब है कि चीन की ओर से इस तरह की हरकत की आशंका ऐसे वक्त में की जा रही है जब दोनों देशों के बीच आपसी संबंध बेहद खराब हो चुके हैं और दोनों के बीच कई तरह के वाणिज्यिक और भौगोलिक-राजनियक विवाद पैदा हुए हैं। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के तट पर अमेरिका के साथ उसका एक साझा युद्धाभ्यास हो रहा है और वॉयस ऑफ अमेरिका के मुताबिक ऑक्जीलरी जेनरल इंटेलीजेंस चाइनीज शिप टैलिसमैन सब्रे 2021 युद्धाभ्यास की निगरानी के लिए पहुंच सकता है, जो कि बुधवार से आधिकारिक तौर पर शुरू हुआ है।ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को कहा है कि अमेरिका के साथ युद्धाभ्यास के दौरान 'इस (ऑक्जीलरी जेनरल इंटेलीजेंस) क्लास के एक जहाज के हमारे इलाके में आने की पूरी संभावना है।'
यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के गठबंधन को मजबूत करने और सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रखने के इरादे से किया जा रहा है। इस युद्धाभ्यास में जमीनी युद्ध, शहरी ऑपरेशन, हवाई जंग और समुद्री ऑपरेशन का अभ्यास होना है। वीओआई के मुताबिक दोनों देशों के बीच यह सबसे बड़ा प्रशिक्षण अभियान है। इसलिए इनकी एजेंसियों को लग रहा है कि आने वाले दो हफ्तों तक चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक जहाज इस युद्धाभ्यास को देखने की कोशिश जरूर करेगा। इनकी चिंता बेवजह नहीं है। 2019 में इसी तरह का एक चाइनीज जहाज ऑस्ट्रेलिया के सैन्य अभियान की निगरानी करने के लिए आया था। एक्सपर्ट के मुताबिक इस तरह का सर्विलांस अब काफी होने लगा है।