Edited By Tanuja,Updated: 22 Sep, 2021 06:20 PM
चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछले कुछ वक्त से व्यापार को लेकर तनाव बढ़ती जा रहा है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया सरकार ने चीन द्वारा शराब ...
सिडनीः चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछले कुछ वक्त से व्यापार को लेकर तनाव बढ़ती जा रहा है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया सरकार ने चीन द्वारा शराब निर्यात पर ड्यूटी बढ़ाए जाने के विरोध में विश्व व्यापार संगठन में श्कायत करने का फैसला किया है । चीन ने बीते साल ऑस्ट्रेलिया की शराब पर 218 फीसद तक का ड्यूटी बढ़ा दी थी। साथ ही चीन ने ऑस्ट्रेलिया से देश में आने वाले बीफ पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार के मुताबिक इस मामले को विश्व व्यापार संगठन के सामने ले जाने का फैसला शराब निर्माताओं के साथ विचार-विमर्श बाद ही लिया गया है। व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डेन तेहान ने बताया कि, सरकार मतभेदों को सुलझाने के लिए विश्व व्यापार संगठन को बीच में ला रही है। देश की सरकार लगातार व्यापारियों के अधिकारों की रक्षा लिए प्रतिबद्ध है। अभी हाल ही में चीनी दूतावास डाउन अंडर ने 14 शिकायतों की एक लिस्ट लीक की थी, जिसमें से किसी का भी व्यापार से कोई लेना-देना नहीं था। खासतौर से शराब के व्यापार से तो इसका कोई वास्ता नहीं था।
गौरतलब है कि जबसे ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कोरोनो वायरस की उत्पत्ति और चीन की कंपनी हुवावे को 5जी नेटवर्क बनाने से प्रतिबंधित किया है, तब से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव उत्पन्न हो गया है। इसी के चलते आस्ट्रेलियाई उत्पादों के खिलाफ चीन में बाधाएं खड़ी होना शुरू हो गई थीं।
दरअसल, चीन के पास व्यापार को हथियार बनाने का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड है।
2017 में सियोल द्वारा अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली को लगाए जाने के बाद दक्षिण कोरियाई ब्रांडों को चीन के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था। चीन में करीब तीन हजार गैर-टैरिफ बैरियर्स हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विश्व व्यापार संगठन से संबंध बहुत कम कर दिए है। इसका यह नतीजा हो सकता है कि ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में फैसला जल्दी न आए और इससे कोई खास आर्थिक प्रभाव भी न पड़े, लेकिन चीन को शर्मिंदा करने के लिए ये काफी होगा।