ऑस्ट्रेलिया में चिकित्सकों ने PM मॉरिसन से नागरिकों के प्रवेश पर बैन हटाने का किया आग्रह

Edited By Tanuja,Updated: 04 May, 2021 05:08 PM

australia says chance of jail remote for india travel ban offenders

ऑस्ट्रेलियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट से मंगलवार को भारत से देश लौटने की कोशिश करने वाले ...

 मेलबर्न: ऑस्ट्रेलियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट से मंगलवार को भारत से देश लौटने की कोशिश करने वाले ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को जेल की सजा और उन पर जुर्माना लगाने का आदेश तत्काल वापस लेने का मंगलवार को अनुरोध करते हुए कहा कि इससे समुदाय में संकट पैदा हो गया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इतिहास में पहली बार हाल ही में स्वदेश लौटने से पहले भारत में 14 दिन तक का वक्त बिताने वाले अपने नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया। सरकार ने उन्हें पांच साल के लिए जेल में बंद करने या 50,899 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है ।

 

ऑस्ट्रेलियन मेडिकल एसोसिएशन (AMA) के अध्यक्ष उमर खुर्शीद ने कहा कि भारत से आने वाले विमानों पर रोक लगाने के फैसले में एसोसिएशन ने सहयोग दिया ताकि बढ़ते खतरे के लिए देश में होटल में पृथक रखने की व्यवस्था तैयार की जा सकें। सरकार को भारत से लौट रहे ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के संक्रमित होने का खतरा दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सरकार की घोषणा ने हमारे समुदाय में काफी संकट पैदा कर दिया है और हमारे भारतीय चिकित्सा समुदाय के सदस्य सबसे अधिक चिंतित हैं क्योंकि वह पहले ही भारत में अपने दोस्तों और परिवारों के संक्रमण की चपेट में आने के खतरे को महसूस कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नजर में सरकार को जरूरत पड़ने पर भारत में परेशानी में फंसे ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।''

 

सरकार के कदम को भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई या भारत में रह रहे ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए झटका बताते हुए खुर्शीद ने कहा कि देश की पृथकवास केंद्र की व्यवस्था को सुधारने की प्राथमिकता होनी चाहिए। इससे पहले मानवाधिकार कानून केंद्र ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि वह इस प्रतिबंध को कानूनी चुनौती देने पर ‘‘सक्रियता से विचार'' कर रहा है। केंद्र के कार्यकारी निदेशक ह्यूज डी क्रेटसर ने कहा, ‘‘भारत में फंसे ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की मदद करने के बजाय सरकार उन्हें अकेला छोड़ रही है और तो और उन्हें सजा देने पर विचार कर रही है।'' इस बीच प्रधानमंत्री मॉरिसन ने फैसले का बचाव किया और कहा कि विमानों पर प्रतिबंध के दौरान भारत से किसी तरह लौटने वाले ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को जेल में डालना या उन पर जुर्माना लगाने की संभावना नहीं है।

 

मॉर्रिसन ने कहा कि यह एक अस्थायी व्यवस्था है और बहुत मुश्किल फैसला है। उन्होंने कहा, “ यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि हमारे यहां ऑस्ट्रेलिया में (कोविड-19) की तीसरी लहर ना आए और हमारी पृथक-वास व्यवस्था मजबूत बनी रहे।” उन्होंने कहा कि यह देश के ‘सर्वोत्तम हित' में है। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय को दिए विशेष संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भारतीय समुदाय के लिए खराब महसूस होता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि यह हमारे भारतीय समुदाय में ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए मुश्किल वक्त है। आप बहुत समझदार और दयालु हैं जिन्होंने हमारे देश में शानदार योगदान दिया। हम अपने भारतीय समुदाय के आभारी हैं। मैं जानता हूं कि यह दुख और डर का वक्त है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऑस्ट्रेलिया में इस वायरस की तीसरी लहर को नहीं देख सकता।'' भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और वहां रोज संक्रमण के 3,00,000 से अधिक मामले आ रहे हैं।

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