एक अंडे से पैदा हुए अनोखे जुड़वा बच्चे, डॉक्टर हैरान

Edited By Tanuja,Updated: 05 Mar, 2019 01:46 PM

australian doctors identify new type of twins 1 egg 2 sperm

आस्ट्रेलिया में जुड़वां बच्चों के जन्म को लेकर एक अनोखा केस सामने आया है जिससे मैडीकल जगत भी हैरान है। इस मामले में एक एग और दो स्पर्म से बने जुड़वां यानी लड़का-लड़की मां के गर्भाशय में पले...

मेलबर्नः आस्ट्रेलिया में जुड़वां बच्चों के जन्म को लेकर एक अनोखा केस सामने आया है जिससे मैडीकल जगत भी हैरान है। इस मामले में एक एग और दो स्पर्म से बने जुड़वां यानी लड़का-लड़की मां के गर्भाशय में पले। ऐसे जुड़वा बच्चों में मां का डीएनए एक ही होता है, लेकिन पिता का डीएनए दोनों जुड़वों में बदला होता है। यह दुनिया का दूसरा ऐसा मामला है. इन बच्चों को सेमी-आइडेंटिकल ट्विन्स कहा जा रहा है।
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'न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में हुई एक नई स्टडी में पाया गया है कि ऐसे जुड़वा सबसे दुर्लभ होते हैं। इससे पहले 2007 में ऐसा मामला सामने आया था। सामान्य तौर पर, सभी जुड़वा या तो फ्रैटरनल होते हैं (जहां दो अंडों और दो स्पर्म से मिलकर दो अलग-अलग एम्ब्रायो बनाते हैं और 50 फीसदी डीएनए शेयर करते हैं) या आइडेंटिकल (जहां एक एम्ब्रायो ही दो भागों में विभाजित हो जाता है और दोनों जुड़वा एक ही तरह के होते हैं, ये 100 फीसदी डीएनए शेयर करते हैं। ब्रिस्बेन में क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी की डॉक्टर माइकेल टेरेंस गैबेट कहती हैं, यह तो तय है कि यह तीसरे तरह के जुड़वा हैं, ये ना तो फ्रैटरनल हैं और ना ही आइडेंटिकल। यह दोनों के बीच की एक अजीब स्थिति है। 
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हर स्पर्म सेल में पिता के आधे डीएनए होते हैं. लेकिन स्पर्म में ये आइडेंटिकल नहीं होते हैं क्योंकि हर पुरुष अपने पैरेंट्स के जेनेटिक मटीरियल का मिश्रण होता है और हर बार स्पर्म में पूरे डीएनए का एक विभाजित रूप मिलता है। उदाहरण के तौर पर, कुछ स्पर्म पिता के Y क्रोमोसोम्स की कॉपी रखते हैं जिससे बच्चे का विकास लड़के के तौर पर होता है और कुछ पिता के X क्रोमोसोम्स रखते हैं जिससे लड़की होती है।
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ऑस्ट्रेलियन जुड़वा के मामले में मां का एग एक X क्रोमोसोम्स वाले स्पर्म के साथ और एक Y क्रोमोसोम्स वाले स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया गया था। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में एक अल्ट्रासाउंड किया गया जिसमें दिख रहा था कि दोनों भ्रूण एक ही प्लैसेंटा में थे, डॉक्टरों को लगा कि ये आइडेंकिल जुड़वा ही हैं। लेकिन 8 सप्ताह बाद जब अल्ट्रासाउंड किया गया तो पता चला कि एक बच्चा लड़का है और एक लड़की। यह स्थिति आइडेंटिकल ट्विन्स के लिए असंभव मानी जाती है।गैबेट की टीम को अंदाजा लग गया था कि यह कोई बेहद अनोखा मामला है।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि शायद फर्टिलाइजेशन के बाद एग और स्पर्म के डीएनए का विभाजन हो गया और उसके बाद उनका विभाजन तीन एम्ब्रायो बनाने में हो गया। इनमें से दो एम्ब्रायो में पर्याप्त एग डीएनए और स्पर्म डीएनए थे। बाकी बचा हुए एक एम्ब्रायो में केवल स्पर्म डीएनए था जो काम का नहीं था। जुड़वा बच्चे में मां के 100 फीसदी डीएनए मिल रहे हैं जबकि पिता के डीएनए से केवल 78 फीसदी ही समानता पाई गई।
 

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