Edited By Tanuja,Updated: 06 Oct, 2020 11:04 AM
दक्षिण काकेशस क्षेत्र में अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शुरू हुइ 25 सालों की सबसे अधिक घातक लड़ाई के नौवें दिन नागरिक क्षेत्रों पर ...
इंटरनेशनल डेस्कः दक्षिण काकेशस क्षेत्र में अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शुरू हुइ 25 सालों की सबसे अधिक घातक लड़ाई के नौवें दिन नागरिक क्षेत्रों पर हमला करने का आरोप लगाया गया। सप्ताहांत में दोनों देशों के हमले तेज करने और अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव द्वारा जंग खत्म करने के लिए रखी शर्तों के कारण संघर्ष विराम की संभावनाएं दूर दिखाई दे रही हैं। इस बीच नाटो (NATO) के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने नागोर्नो-काराबाख ) के क्षेत्र पर कब्जे को लेकर संघर्ष को तत्काल समाप्त करने के लिए कहा है।
अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव ने रविवार को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा कि अर्मेनियाई सेना ने उस इलाके पर कब्जा कर रखा है, जिसे वह 1990 के दशक में हार चुका है। उन्होंने कहा कि अर्मेनिया जानबूझकर युद्ध भड़का रहा है यदि वह जंग की समाप्ति चाहता है तो अर्मेनिया को 3 मुख्य शर्तें माननी होंगी । उन्होंने कहा कि अर्मेनियाई सेना तुरंत हमारे इलाके से पीछे हटे, पूरी तरह से वापसी की समय-सीमा बताए और जो कुछ किया है उसके लिए माफी मांगे तो हम युद्ध खत्म करने को तैयार हैं।
अमेरिका समेत कई देशों ने अर्मेनिया और अजरबैजान जंग को लेकर चिंता जताई है और युद्ध समाप्त करने के अपील की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दक्षिण काकेशस क्षेत्र में जारी स्थिति पर चिंता जाहिर की है, क्योंकि यहां से पाइपलाइनें दुनिया के बाजारों में अजरबैजान से तेल और गैस अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जाती हैं। इसके साथ ही संभावना है कि अन्य क्षेत्रीय शक्तियों को भी यहां खींचा जा रहा है। अजरबैजान तुर्की द्वारा समर्थित है, जबकि अर्मेनिया के पास रूस का समर्थन है।