Edited By Tanuja,Updated: 12 Jan, 2021 11:06 AM
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चीन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बलूचिस्तान के लोग चीन के CPEC प्रोजैक्ट का जमकर विरोध कर रहे हैं। ...
पेशावरः पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चीन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बलूचिस्तान के लोग चीन के CPEC प्रोजैक्ट का जमकर विरोध कर रहे हैं। वर्ष 2020 में दिसंबर महीने में पाकिस्तानी सेना को एक भीषण हमले में अपने 7 जवान गंवाने पड़े थे। पाकिस्तानी सेना के ये जवान बलूचिस्तान में चीन के CPEC के तहत निवेश की जाने वाली परियोजनाओं की सुरक्षा में लगे थे। इस हमले के बाद एक बार फिर से चीन का बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट और फ्री ट्रेड जोन में अरबों डॉलर का निवेश संकट में आ गया। पाकिस्तानी सेना चाहकर भी बलूच विद्रोहियों का तोड़ नहीं ढूढ़ पा रही है।
बलूचिस्तान में विद्रोही धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहे थे कि इसी बीच हाल के दिनों में पाकिस्तान के अधिकारियों ने चीन को खुश करने के लिए कई ऐसे दमनात्मक कदम उठाए जिससे हिंसा का नया दौर पैदा हो गया। इस हिंसा ने CPEC को लेकर चीन के विश्वास को हिलाकर रख दिया है। पूर्व पुलिस अधिकारी और राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी अथार्टी के समन्वयक तारिक परवेज ने पिछले दिनों कहा कि बलूच विद्रोहियों के हमले में काफी कमी आई है। तारिक ने कहा कि सुरक्षाबलों की सख्ती और विद्रोहियों की हत्या से हिंसा की घटनाएं कम जरूर हुई हैं लेकिन इसकी उसे काफी कीमत चुकानी पड़ी है।
यह स्थानीय बलूच लोगों के विरोध को दर्शाता है। बलूच विद्रोही अब फिर से एकजुट हो रहे हैं और नई रणनीति अपना रहे हैं। इन विद्रोहियों ने चीनी लोगों को भी निशाना बनाया है। बलूच पहले आत्मघाती हमले नहीं करते थे लेकिन अब वे इसे भी अंजाम दे रहे हैं। यही नहीं बलूच अब लोगों को बंधक भी बना रहे हैं। बलूच विद्रोहियों के रणनीति में यह बदलाव वर्ष 2018 में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास और वर्ष 2019 में ग्वादर के पर्ल होटल पर हमले के दौरान स्पष्ट रूप से नजर आया। इस होटल को चीन ने बनाया है और अक्सर चीनी नागरिक इस होटल में रुकते हैं। यही नहीं विद्रोहियों ने चीन की ओर से संचालित कराची के स्टॉक एक्सचेंज को भी दहलाया था। माना जा रहा है कि बलूच विद्रोहियों के निशाने पर चीन के वित्तीय, व्यवसायिक और आधिकारिक हित हैं।
बलूच विद्रोही अफगानिस्तान में अपने ठिकाने का इस्तेमाल बलूचिस्तान में चीनी हितों पर हमले के लिए कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बलूचिस्तान पाक का सबसे बड़ा प्रांत है और जातीय बलूच लोग पाकिस्तान की कुल जनसंख्या का 9 फीसदी हैं। पिछले कई दशक से बलूचिस्तान में बलूच विद्रोही सक्रिय रहे हैं। उनका आपस में विभाजन रहा है और पश्तूनों के साथ उनकी प्रतिस्पर्द्धा रही है। यही नहीं पाकिस्तान की सियासत और सत्ता कब्जा करने वाले पंजाबियों से भी बलूचों का संघर्ष होता रहा है।