Edited By Tanuja,Updated: 06 May, 2021 03:48 PM
बांग्लादेश में बुधवार को डोपा दिवस को मनाने के लिए मानवाधिकार संरक्षण परिषद सिलहट ने चीन के झिंजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न के ...
ढाका: बांग्लादेश में बुधवार को डोपा दिवस मनाने के लिए मानवाधिकार संरक्षण परिषद सिलहट ने चीन के झिंजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन किया। विरोध के दौरान आयोजकों ने मस्जिदों में पर्चे बांटे और चीन सरकार द्वारा उइगर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों को मिले कठोर दंड को दर्शाते हुए पोस्टर लगाए। इसकी जानकारी एबी सिलहट ने एक फेसबुक पोस्ट में दी।
उन्होंने मांग की कि चीन सरकार उइगर मुसलमानों की परंपराओं की प्रतीक डोपा कैप्स पर लगा प्रतिबंध हटाए, उइगर लोगों का दमन रोके, जबरन अपहरण को समाप्त करे और प्रशिक्षण के नाम पर समूह के हिरासत में लिए गए सदस्यों को रिहा करे। संगठन के अध्यक्ष अबुल हशेम मोहम्मद सोहेल, सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल हेलल, आयोजन सचिव मौलाना खलीलुर्रहमान, हाफ़िज़ उस्मा और अन्य नेताओं ने सिलहट शहर में 100 से अधिक मंदिरों में इन मांगों के पर्चे बांटे। डोपा मध्य एशिया और पूर्वी तुर्किस्तान के तुर्क लोगों द्वारा अपनी संस्कृति को मनाने के लिए पारंपरिक रूप से पहनी जाने वाली चार कोनों वाली टोपी है।
एबी सिलहट ने बताया कि चीन में उइगर मुसलमान 5 मई को डोपा दिवस के अवसर पर इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करके अपनी संस्कृति को बचाने का आह्वान करते हैं। बता दें कि चीन को उईगर मुस्लिमों पर बड़े पैमाने पर नजरबंदी शिविरों में भेजने, उनकी धार्मिक गतिविधियों में दखल देने और समुदाय के सदस्यों को जबरन पुन: शिक्षा या स्वदेशीकरण से गुजरने के लिए भेजने के लिए विश्व स्तर पर फटकार लगाई गई है। दूसरी ओर बीजिंग ने सख्ती से शिनजियांग में उइगर लोगों के खिलाफ मानवाधिकारों के हनन से इंकार करता है। जबकि पत्रकारों, गैर सरकारी संगठनों और पूर्व बंदियों की रिपोर्ट सामने आई हैं, जो जातीय समुदाय पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की क्रूर कार्रवाई को उजागर करती है।