Edited By Tanuja,Updated: 14 Apr, 2018 04:40 PM
बांग्लादेश की हाईकोर्ट ने रेप पीड़िता को अपमानित करने वाले टू फिंगर टैस्ट पर रोक लगाते कहा कि इसका कोई वैज्ञानिक और कानूनी आधार नहीं है। अटॉर्नी जनरल के ऑफिस के प्रवक्ता ने कहा कि 5 साल पुरानी याचिका पर आदेश जारी...
ढाका : बांग्लादेश की हाईकोर्ट ने रेप पीड़िता को अपमानित करने वाले टू फिंगर टैस्ट पर रोक लगाते कहा कि इसका कोई वैज्ञानिक और कानूनी आधार नहीं है। अटॉर्नी जनरल के ऑफिस के प्रवक्ता ने कहा कि 5 साल पुरानी याचिका पर आदेश जारी करते हुए अदालत ने यह भी व्यवस्था दी कि मुकद्दमे की सुनवाई के दौरान वकील बलात्कार पीड़िता से ऐसा कोई सवाल नहीं कर सकता हैं जो उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाते हों।
अदालत ने अधिकारियों से स्वास्थ्य देखभाल प्रोटोकॉल का भी कड़ाई से पालन करने को कहा। इसे सरकार ने वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन ( डब्ल्यूएचओ ) की नीति के मुताबिक पिछले साल अपना लिया है। जस्टिस गोबिंद चंद्र टैगोर और ए के एम शाहिद-उल-हक की दो सदस्य बेंच ने सरकार को एक परिपत्र जारी करने के निर्देश दिए ताकि निचली अदालतों के जज और बलात्कार के मामलों के जांच अधिकारी आदेश का पालन कर सकें।