Edited By Tanuja,Updated: 18 Mar, 2020 11:09 AM
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना वायरस को ''चीनी वायरस'' कहा जाना चीन के इतना चुभा कि उसने तीन अमेरिकी अखबारों के पत्रकारों को देश से बाहर कर दिया...
न्यूयार्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना वायरस को 'चीनी वायरस' कहा जाना चीन के इतना चुभा कि उसने तीन अमेरिकी अखबारों के पत्रकारों को देश से बाहर कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट और द वॉल स्ट्रीट जनर्ल से जुड़े पत्रकारों को देशनिकाला दिया जाना बीते कुछ वर्षों में विदेशी मीडिया पर चीन की ओर से की गई सबसे कठोर कार्रवाई है।
चीन और अमेरिका के बीच ताजा विवाद तब पैदा हुआ जब ट्रंप ने कोरोना वायरस को 'चीनी वायरस' का नाम दे दिया फिर चीन सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कोरोना संकट के पीछे अमेरिका की साजिश होने का दावा कर दिया। अब चीन का कहना है कि उसने अमेरिकी पत्रकारों को इसलिए बाहर का रास्ता दिखाया है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने चीन के सरकारी मीडिया से जुड़े चुनिंदा चीनी पत्रकारों को ही अपने यहां रहने देने का फैसला किया। अमेरिका ने बदला लेने को मजबूर किया: चीन एक बयान में कहा गया है, 'उन्हें हांगकांग और मकाओ समेत चीन के किसी हिस्से में बतौर पत्रकार काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।'
पेइचिंग ने वॉइस ऑफ अमेरिका, द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉल स्ट्रीट जर्नल, द वॉशिंगटन पोस्ट और टाइम मैगजीन को कहा है कि वह चीन में अपने स्टाफ, संपत्तियों, कामकाज और रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज के बारे में लिखित जानकारी दे। वॉशिंगटन ने हाल ही में चीन की सरकारी मीडिया के लिए यही नियम लागू किए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी मीडिया संस्थानों पर की गई कार्रवाई को पूरी तरह जवाबी बताते हुए कहा कि उसे अपने मीडिया संस्थानों के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई के बदले में कदम उठाने को मजबूर किया गया है। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन से इस कदम पर विचार करने को कहा।