Edited By Tanuja,Updated: 17 Jun, 2019 05:14 PM
एक अध्ययन में मशहूर डिजिटल मुद्रा ‘बिटक्वाइन'' के इस्तेमाल से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर चौंकाने वाला दावा किया गया है
बर्लिनः एक अध्ययन में मशहूर डिजिटल मुद्रा ‘बिटक्वाइन' के इस्तेमाल से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर चौंकाने वाला दावा किया गया है। अध्ययन के अनुसार बिटक्वाइन से सालाना 22 मेगाटन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है जो लास वेगास और वियना जैसे शहरों के कुल कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन के बराबर है।
जर्मनी में टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख (टीयूएम) से अनुसंधानकर्ताओं ने बिटक्वाइन प्रणाली के कार्बन फुटप्रिंट की अब तक की सबसे विस्तृत गणना की। वैश्विक बिटक्वाइन नेटवर्क में बिटक्वाइन के हस्तांतरण एवं उसके वैध बनने की प्रक्रिया में किसी भी कम्प्यूटर से एक गणितीय पहेली को हल करना जरूरी होता है। इस नेटवर्क में कोई भी शामिल हो सकता है और पहेली सुलझाने वाले को बदले में इनाम स्वरूप बिटक्वाइन मिलता है।
इस पूरी प्रक्रिया में जिस गणन क्षमता का इस्तेमाल होता है उसे ‘बिटक्वाइन माइनिंग' के नाम से जाना जाता है, जिसमें हाल के वर्ष में तेजी से इजाफा हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ 2018 में ही इसमें चौगुना इजाफा हुआ। नतीजतन बिटक्वाइन की होड़ ने यह सवाल भी पैदा किया कि क्या क्रिप्टोकरेंसी जलवायु पर अतिरिक्त बोझ तो नहीं डाल रही। कई अध्ययनों में बिटक्वाइन माइनिंग से होने वाले कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन का पता लगाने का प्रयास किया गया है।
टीयूएम और मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के अनुसंधानों को करने वाले क्रिश्चियन स्टोल ने कहा, ‘‘हालांकि ये अध्ययन अनुमानों पर आधारित हैं।'' अनुसंधानकर्ताओं ने इसके लिये इंटरनेट के माध्यम से सर्च इंजनों का इस्तेमाल कर बिटक्वाइन माइनर के आईपी एड्रेस का पता लगाया और फिर इससे प्राप्त नतीजों से निष्कर्षों की दोबारा जांच की। अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, बिटक्वाइन प्रणाली में प्रतिवर्ष कार्बन फुटप्रिंट 22 और 22.9 मेगाटन होता है जो हैमबर्ग, वियना या लास वेगास जैसे शहरों के फुटप्रिंट के बराबर हैं।