Edited By Tanuja,Updated: 24 Sep, 2019 05:25 PM
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बड़ा झटका देते हुए ब्रिटेन की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसले में ...
लंदन: प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बड़ा झटका देते हुए ब्रिटेन की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसले में व्यवस्था दी कि ब्रेक्जिट से पहले संसद को निलंबित करने का उनका फैसला ‘गैरकानूनी' था। जॉनसन ने इस महीने की शुरूआत में संसद को पांच सप्ताह के लिए निलंबित या सत्रावसान कर दिया था। उनका कहना था कि उनकी नयी सरकार की नीतियों को रेखांकित करने के लिहाज से महारानी के भाषण के लिए ऐसा किया गया।
हालांकि विपक्षी सांसदों और जॉनसन की ही कंजर्वेटिव पार्टी के कई सदस्यों ने उन पर 31 अक्टूबर को ब्रेक्जिट की समयसीमा से पहले अस्थिरता के इस दौर में संसदीय पड़ताल से बचने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। भारतीय मूल की ब्रेक्जिट विरोधी कार्यकर्ता गीना मिलर ने जॉनसन के फैसले को ब्रिटेन की हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने इसे शीर्ष अदालत को भेज दिया था। शीर्ष अदालत की अध्यक्ष लेडी ब्रेंडा हेल ने कहा, ‘‘महारानी को संसद सत्र का अवसान करने की सलाह देने का उनका फैसला गैरकानूनी था।''
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोकतंत्र की बुनियादों पर इससे गहरा असर पड़ा।'' उन्होंने कहा कि 11 न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से संसद का सत्रावसान नहीं होने की बात कही और कहा कि यह फैसला निष्प्रभावी हो गया है। जजों ने कहा कि अब हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के स्पीकर अगले कदम के बारे में निर्णय लेंगे। यह फैसला जॉनसन के लिए बड़ा झटका है जो फिलहाल संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए अमेरिका में हैं। उन्होंने कहा था कि अदालतों को ऐसे राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।