दुनिया में तेजी से बढ़ी रही ये खतरनाक बीमारी, हर छठा शख्स हो रहा शिकार

Edited By Tanuja,Updated: 28 Oct, 2018 02:40 PM

brain stroke is very dangerous disease

दुनियाभर में कई जानलेवा बीमारियां फैली हुई हैं और इन बीमारियों के बीच  एक खतरनाक बीमारी धीरे-धीरे लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है जिसका नाम है ब्रेन स्ट्रोक।

बीजिंगः दुनियाभर में कई जानलेवा बीमारियां फैली हुई हैं और इन बीमारियों के बीच  एक खतरनाक बीमारी धीरे-धीरे लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है जिसका नाम है ब्रेन स्ट्रोक।  वर्तमान में हालत यह है कि दुनिया का हर छठा व्यक्ति कभी न कभी ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुआ है और 60 से ऊपर की उम्र के लोगों में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण ब्रेन स्ट्रोक है। यह 15 से 59 साल के आयुवर्ग में मृत्यु का पांचवां सबसे बड़ा कारण है। 
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विशेषज्ञों के अनुसार स्ट्रोक आने के बाद 70 फीसदी मरीज अपनी सुनने और देखने की क्षमता खो देते हैं। साथ ही 30 फीसदी मरीजों को दूसरे लोगों के सहारे की जरूरत पड़ती है। आमतौर पर जिन लोगों को दिल की बीमारी होती है उनमें से 20 फीसदी मरीजों को स्ट्रोक की समस्या होती है। विशेषज्ञ बताते है कि मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति बाधित होने या गंभीर रूप से कम होने के कारण स्ट्रोक होता है। उनके अनुसार मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी होने पर कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं इसलिए समय रहते रोगी को उपचार मिलने से उसे सामान्य स्थिति में लाया जा सकता है, अन्यथा मृत्यु अथवा स्थायी विकलांगता हो सकती है।

PunjabKesari उन्होंने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक को समय पर सही इलाज देकर ठीक किया जा सकता है, लेकिन इलाज में देरी होने पर लाखों न्यूरॉन्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और मस्तिष्क के अधिकतर कार्य प्रभावित होने लगते हैं। इससे प्रभावित होने पर व्यक्ति के शरीर का कोई एक हिस्सा सुन्न होने लगता है और उसमें कमजोरी या लकवा जैसी स्थिति होने लगती है। मरीज को बोलने में दिक्कत आ सकती है, झुरझुरी आती है और उसके चेहरे की मांस पेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे लार बहने लगती है। उन्होंने बताया कि देश में हर साल ब्रेन स्ट्रोक के लगभग 15 लाख नए मामले दर्ज किए जाते हैं और यह असामयिक मृत्यु और विकलांगता की एक बड़ी वजह बनता जा रहा है।

यहां यह भी अपने आप में परेशान करने वाला तथ्य है कि हर 100 में से लगभग 25 ब्रेन स्ट्रोक रोगियों की आयु 40 वर्ष से नीचे है। यह हार्ट अटैक के बाद दुनिया भर में मौत का दूसरा सबसे आम कारण है। पी.एस.आर.आई हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ अमित श्रीवास्तव बताते है कि समय रहते स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानकर तत्काल उपचार कराने पर कुछ ही समय में यह बीमारी ठीक हो जाती है। 
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इसके लक्षणों और तत्काल एहतियाती उपायों की जानकारी देते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति का चेहरा एक तरफ से टेढ़ा होने लगे और उसे बोलने में दिक्कत हो तो उस व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा मुस्कुराना चाहिए ताकि चेहरे की मांसपेशियों की कसरत हो। इसी तरह अगर एक हाथ कमजोर या सुन्न लगे तो उपचार मिलने से पहले उसे ऊपर नीचे करने की कोशिश करें।  उन्होंने बताया कि अगर बोलने में दिक्कत हो तो ऐसे व्यक्ति किसी एक वाक्य को बार-बार दोहराएं और उसका सही उच्चारण करने की कोशिश करें। वह हिदायत देते हुए कहते हैं कि इनमें से कोई भी लक्षण नजर आने पर मरीज को तत्काल किसी नजदीकी अस्पताल में लेकर जाएं। गोल्डन ऑवर में उपचार मिलने से मरीज को स्ट्रोक से बचाया जा सकता है। 

 

 

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